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    April 19, 2025

    अमेरिका पर चीन का एक और पलटवार, अपनी एयरलाइंस को बोइंग जेट से डिलीवरी न लेने का दिया निर्देश।

    1 min read
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    अमेरिका के 145 परसेंट टैरिफ पर चीन ने अब एकबार फिर से पलटवार किया है. चीन ने अपनी एयरलाइनों को अमेरिकी कंपनी बोइंग से डिलीवरी न लेने के निर्देश दिए हैं.

    अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वॉर के बीच चीन ने अपनी एयरलाइनों को अमेरिकी विमान निर्माण कंपनी बोइंग से डिलीवरी न लेने के निर्देश दिए हैं. सूत्रों के हवाले से ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि चीनी एयरलाइनों को अमेरिकी कंपनियों से विमान संबंधी कलपुर्जे भी न खरीदने के आदेश दिए गए हैं. यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीनी आयातों पर 145 परसेंट टैरिफ लगाए जाने के फैसले के बाद उठाया गया है.

    अमेरिका से एयरक्राफ्ट खरीदना अब होगा महंगा
    15 जुलाई 1916 को विलियम बोइंग द्वारा स्थापित बोइंग एयरप्लेन एक अमेरिकी कंपनी है, जो एयरप्लेन से लेकर रॉकेट, सैटेलाइट, टेलीकम्युनिकेशन इक्विपमेंट और मिसाइलें बनाती हैं. अमेरिका के इस सबसे बड़े एक्सपोर्टर कंपनी के बनाए गए प्लेन का इस्तेमाल कई देशों की एयरलाइंस करती हैं. बता दें कि इससे पहले चीन ने अमेरिकी सामानों पर 125 परसेंट का टैरिफ लगाते हुए ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी पर जवाबी कार्रवाई की थी.

    अब इनकी मदद के बारे में सोच रहा चीन
    अब जाहिर सी बात है कि इससे अमेरिका में बने एयरक्राफ्ट या इससे जुड़े पार्ट्स की लागत दोगुनी से भी अधिक हाे जाएगी, जिससे चीनी एयरलाइनों के लिए बोइंग विमानों की खरीदारी नामुमकिन हो जाएगी. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीन अब उन एयरलाइनों की मदद करने के बारे में सोच रहा है, जो बोइंग जेट के विमानों को लीज पर लेती हैं और फिलहाल हाई टैरिफ के चलते इन पर अधिक खर्च का दबाव है.

    बोइंग कंपनी के सामने आई मुश्किलें
    ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीन अब उन एयरलाइनों की मदद करने के बारे में सोच रहा है, जो बोइंग जेट के विमानों को लीज पर लेती हैं और फिलहाल हाई टैरिफ के चलते इन पर अधिक खर्च का दबाव है.

    चीन के इस फैसले ने बोइंग कंपनी के लिए एक नई चुनौती पैदा कर दी है क्योंकि चीन बड़े पैमाने पर बोइंग से खरीदारी करता है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में बोइंग के लगभग 25 परसेंट एयरक्राफ्ट चीन में डिलीवर किए गए. अगले 20 सालों में ग्लोबल एयरक्राफ्ट डिमांड में चीन का योगदान 20 परसेंट रहने की उम्मीद है. इस बीच, चीन ने बोइंग को नए ऑर्डर भी नहीं दिए हैं.

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