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    April 16, 2025

    भारत के राज्यों का जिक्र कर चीन से व्यापार बढ़ाना चाह रहे थे यूनुस, अब तीन देशों से ट्रेड पर लगा ग्रहण, इंडिया ने वापस ले ली ये सुविधा।

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    सीबीआईसी ने बांग्लादेश को साल 2020 में भारतीय जमीन के जरिए नेपाल, भूटान और म्यांमार से ट्रेड करने की सुविधा दी थी.

    ‘भारत के सातों पूर्वोत्तर राज्य लैंडलोक्ड (जमीन से घिरे) हैं, सिर्फ हम ही हैं जिन तक पहुंचने का रास्ता समंदर है इसलिए चीन को समुद्र के जरिए व्यापार को बढ़ाना चाहिए’, मोहम्मद यूनुस के ये शब्द बांग्लादेश को भारी पड़ गए हैं. अब भारत ने ट्रांसशिपमेंट की जो सुविधा बांग्लादेश को दी हुई थी, उसे बंद कर दिया है. इससे न सिर्फ उसके व्यापार को नुकसान होगा, बल्कि नेपाल, भूटान और म्यांमार को वह जो सामान एक्सपोर्ट करता है, उस पर भी असर पड़ेगा.

    सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (CBIC) ने मंगलवार (8 अप्रैल, 2025) को इसे लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें कहा गया कि बांग्लादेश के लिए एक्सपोर्ट कार्गो के लिए ट्रांसशिपमेंट फैसिलिटी बंद कर दी गई है. सीबीआईसी ने कहा कि उसने 29 जून, 2020 के अपने पुराने नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है, जिसमें बांग्लादेश को भारत की जमीन के जरिए तीसरे देश में एक्सपोर्ट की सुविधा दी गई थी.

    अब तक बांग्लादेश के एक्सपोर्ट कार्गो को कंटेनर या बंद ट्रक में तीसरे देश के एयरपोर्ट या बंदरगाहों तक पहुंचाया जाता था और इन देशों तक ये कंटेनर या ट्रक भारतीय जमीन यानी इंडियन लैंड क्सटम्स स्टेशंस (LCSs) मार्ग के जरिए पहुंचाए जाते थे. इस सुविधा के जरिए वह आसानी से भूटान, नेपाल और म्यांमार को एक्सपोर्ट कर पा रहा था.

    क्या बोले थे मोहम्मद यूनुस?
    मोहम्मद यूनुस पिछले महीने चीन के दौरे पर थे. 28 मार्च को बीजिंग में उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का हवाला देते हुए चीन से अपनी अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की अपील की थी. उन्होंने कहा था, ‘भारत के सात राज्य… भारत के पूर्वी हिस्से… जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है, ‘ये भारत के लैंडलॉक्ड क्षेत्र हैं. समंदर तक उनकी पहुंच का कोई रास्ता नहीं है. इस पूरे क्षेत्र के लिए समंदर के अकेले संरक्षक हम हैं… इसलिए यह चीनी अर्थव्यवस्था के लिए विस्तार हो सकता है. ये विशाल संभावना के द्वार खोलता है. चीजें बनाएं, उत्पादन करें… चीजें बाजार में लो जाएं… चीजें चीन में लाएं और बाकी दुनिया तक पहुंचाएं.’ भारत सरकार के इस कदम को मोहम्मद यूनुस के बयान से जोड़कर देखा जा रहा है.

    मोहम्मद यूनुस ने जल संसाधन को लेकर नेपाल और भूटान का भी जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, ‘नेपाल और भूटान के पास असीमित हाइड्रो पावर हैं, जिनका हम अपने मकसद के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, फैक्ट्रियां स्थापित कर सकते हैं और बांग्लादेश के मार्फत आप कहीं भी जा सकते हैं क्योंकि समंदर हमारे ठीक पीछे है.’ उन्होंने चीन से ये भी कहा था कि जरूरी नहीं कि किसी चीज का आप अपने यहां उत्पादन करें और दुनिया को बेचें, बल्कि बांग्लादेश में उत्पादन करें और चीन में भी बेचें. ये मौके हैं, जिनका हम फायदा उठाना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में चीजों का उत्पादन करना आसान है.

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