कमजोर रुपया और बढ़ती महंगाई के बीच क्या कम होगी लोन की EMI? बजट की ₹12 लाख वाली खुशखबरी के बाद अब RBI ने दे दिया सिग्नल।
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होम लोन की EMI में कटौती का जो लोग भी इंतजार कर रहे हैं उनकी उम्मीदें 7 फरवरी को पूरी हो सकती हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक समीक्षा बैठक की आज से शुरूआत हो गई है. 7 फरवरी को आरबीआईआ गवर्नर बैठक के नतीजों को सामने रखेंगे.’
होम लोन की EMI में कटौती का जो लोग भी इंतजार कर रहे हैं उनकी उम्मीदें 7 फरवरी को पूरी हो सकती हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक समीक्षा बैठक की आज से शुरूआत हो गई है. 7 फरवरी को आरबीआईआ गवर्नर बैठक के नतीजों को सामने रखेंगे. उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री के इनकम टैक्स में राहत देने के बाद अब आरबीआई भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है.
आरबीआई से मिलेगी राहत
बजट के बाद आरबीआई एमपीसी की मौजूदा वित्त में आखिरी मीटिंग 5 से 7 फरवरी तक चलने वाली है. रुपए में बड़ी गिरावट और इंपोर्टेड महंगाई भी आरबीआई के सामने बड़ी समस्या होगी. इन चिंताओं के बीच ब्याज दरों में कितनी कटौती होगी, इसका खुलासा 7 फरवरी को होगा. माना जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आगामी मौद्रिक नीति में देश की विकास दर को रफ्तार देने के लिए रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की जा सकती है.
रेपो रेट में कटौती की उम्मीद
गोल्डमैन सैश में भारत के अर्थशास्त्री, शांतनु सेनगुप्ता ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा समय में काफी अनिश्चितता है. नीति निर्माताओं को इस मिश्रण के बीच ही रास्ता निकालना है. उन्होंने आगे बताया कि दुनियाभर में टैरिफ में हुए बदलाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था का ढांचा बदलने के कारण महंगाई में हल्की तेजी देखने को मिल सकती है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देश के मुकाबले कम प्रभावित होगी. आरबीआई के नए गवर्नर संजय संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में चल रही मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 5 फरवरी से लेकर 7 फरवरी तक चलेगी.
7 फरवरी को आरबीआई गवर्नर द्वारा एमपीसी के फैसलों का ऐलान किया है. सेनगुप्ता ने आगे कहा पिछले साल के अधिकांश समय में भारत की मुद्रा में बहुत कम अस्थिरता रही. हालिया मूल्यह्रास एक कैच-अप समायोजन है, जो पहले हो जाना चाहिए था. यह एक सकारात्मक समायोजन है. बजट में खपत को बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स छूट की सीमा 12 लाख रुपये तक करने के बाद इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है. इस बार ब्याज दरों में कटौती होने की संभावना है. आरबीआई द्वारा आखिरी बार ब्याज दरों में बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था. उस समय केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया है. कुछ समय पहले आरबीआई ने सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए थे. इसे लेकर जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम काफी सकारात्मक हैं. हाल ही में आरबीआई द्वारा की गई घोषणा से आने वाले हफ्तों में (फरवरी के अंत तक) बैंकिंग सिस्टम में 1.5 लाख करोड़ की लिक्विडिटी आएगी.
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