रेलवे स्टेशन पर पीले बोर्ड पर काले रंग से क्यों लिखा जाता है? इसका उत्तर यह है कि मैंने इसके बारे में कभी सोचा ही नहीं।
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भारतीय रेलवे विश्व की रेलवे में सबसे आगे है। भारतीय रेलवे से जुड़ी हर बात बहुत दिलचस्प है। रेलवे स्टेशन पर लगे बोर्ड पीले रंग के और उन पर काले रंग से क्यों लिखा होता है? 99% लोग इसका उत्तर नहीं जानते।
वाणिज्य मंत्रालय के अधीन इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के अनुसार, देश भर में प्रतिदिन 22,593 ट्रेनें चलती हैं। जिसमें लगभग 13452 यात्री रेलगाड़ियां शामिल हैं। जिसमें लाखों लोग यात्रा करते हैं।
भारत में प्रतिदिन 22,000 से अधिक रेलगाड़ियां चलती हैं। हावड़ा रेलवे स्टेशन भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। यह सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों की सूची में भी शामिल है।
भारत में कुल 7349 रेलवे स्टेशन हैं। भारत में कुछ रेलवे स्टेशनों के नाम बहुत ही आश्चर्यजनक हैं। लेकिन हमारे देश में ऐसे रेलवे स्टेशनों की कमी नहीं है जिनके नाम पढ़कर या सुनकर आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी।
यदि आप अक्सर भारतीय रेल से यात्रा करते हैं, तो क्या आपने कभी गौर किया है कि रेलवे स्टेशनों के नाम पीले बोर्ड पर काले रंग से क्यों लिखे होते हैं? दरअसल, इसके पीछे एक नहीं बल्कि कई खास कारण हैं।
रेलवे स्टेशन का नाम पीले बोर्ड पर लिखने का पहला कारण यह है कि पीला रंग बहुत चमकीला होता है। जिसे रेल चालक दूर से देख सकता है। इसके अलावा पीला रंग रुकने का भी संकेत देता है।
पीले रंग के बोर्ड ट्रेन के लोको पायलट को गति धीमी करने या सतर्क रहने की चेतावनी देते हैं। कई रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रुकती हैं, ऐसी ट्रेनों के लोको पायलट स्टेशन में प्रवेश करने से लेकर बाहर निकलने तक बहुत सतर्क रहते हैं और लगातार हॉर्न बजाते रहते हैं ताकि स्टेशन पर मौजूद यात्री सतर्क हो जाएं।
पीला रंग अन्य रंगों की तुलना में अधिक प्रभावशाली है तथा रात के अंधेरे में दूर से भी दिखाई देता है। इसके अलावा ये रंग आंखों को बहुत सुकून देते हैं। पीले बोर्ड पर काले रंग से लिखे गए स्टेशनों के नाम दूर से ही दिखाई देते हैं।
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