मुफ्त राशन लेने वालों पर Income Tax की नजर, इस लिस्ट में नाम आया तो नहीं मिलेगा गेहूं-चावल।
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को केंद्र सरकार की तरफ से कोविड के दौरान शुरू किया गया था. तब से लेकर लगातार सरकार इस योजना के तहत गरीब परिवारों को फ्री राशन मुहैया कराती है.
अगर आप भी केंद्र सरकार की ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (PMGKAY) के तहत मुफ्त राशन लेते हैं तो यह खबर आपके लिये हैं. जी हां, सरकार की जानकारी में कई बार यह आया है कि योजना के तहत अपात्र लोग भी मुफ्त राशन का फायदा ले रहे हैं. योजना के तहत आयकर भरने वाले या सरकारी नौकरी करने वाले राशन लेने के लिये पात्र नहीं होते. अब इसी को देखते हुए इनकम टैक्स विभाग ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (PMGKAY) के तहत अपात्र लोगों को लाभार्थियों की लिस्ट से हटाने के लिए आंकड़ों को फूड मिनिस्ट्री (Food Ministry) के साथ शेयर करेगा.
बजट में योजना के लिये 2.03 लाख करोड़ का प्रावधान
पीएमजीकेएवाई (PMGKAY) के तहत ऐसे गरीब परिवारों को मुफ्त राशन का फायदा दिया जाता है जो इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करते. सरकार ने फाइनेंशिलय ईयर 2025-26 के बजट में पीएमजीकेएवाई (PMGKAY) के लिए 2.03 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो चालू वित्त वर्ष के 1.97 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से ज्यादा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को देश में कोविड-19 महामारी से हुए आर्थिक गतिरोधों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली मुश्किलें कम करने के मकसद से शुरू किया गया था.
जनवरी, 2024 से पांच साल के लिए बढ़ाई योजना
बाद में सरकार ने पीएमजीकेएवाई (PMGKAY) के तहत फ्री राशन वितरण की लिमिट को एक जनवरी, 2024 से पांच साल के लिए बढ़ा दिया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक कार्यालय आदेश में कहा कि आयकर महानिदेशक (सिस्टम) को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) के संयुक्त सचिव को जानकारी देने का अधिकार होगा. आंकड़ा शेयर करने की व्यवस्था के अनुसार डीजीएलटी (सिस्टम), नई दिल्ली को डीएफपीडी कर असेस्मेंट ईयर के साथ आधार या पैन नंबर मुहैया कराएगा.
यदि पैन दिया गया है या दिया गया आधार पैन से जुड़ा हुआ है, तो डीजीआईटी (सिस्टम) आयकर विभाग के डेटाबेस के अनुरूप निर्धारित आय के संबंध में डीएफपीडी को जवाब देगा. यदि लाभार्थी का आधार नंबर आयकर डेटाबेस में किसी भी पैन से नहीं जुड़ा है, तो डीजीआईटी (सिस्टम) इसकी सूचना डीएफपीडी को देगा. इस तरह के जवाब और सूचना के लेनदेन का तरीका डीजीएलटी (सिस्टम) और डीएफपीडी तय करेंगे. सूचना पेश करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए डीजीआईटी (सिस्टम) डीएफपीडी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) करेगा. एमओयू में डेटा के हस्तांतरण का तरीका, गोपनीयता बनाए रखना, डेटा के सुरक्षित संरक्षण के लिए तंत्र, उपयोग के बाद छंटाई आदि शामिल होंगे.
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