चीन अब अमेरिका से नहीं खरीद रहा LNG, ऑस्ट्रेलिया और कतर के बाद अब इस देश से हो रही है सप्लाई।
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ट्रंप के टैरिफ और उस पर चीन की जवाबी कार्रवाई का कुछ ऐसा असर है कि चीन ने 60 दिनों से अमेरिका से लिक्विफाइड नैचुरल गैस (LNG) खरीदना बंद कर दिया है.
चीन ने 60 दिनों से अमेरिका से लिक्विफाइड नैचुरल गैस (LNG) खरीदना बंद कर दिया है. पिछले पांच सालों में यह पहली बार है जब LNG के आयात पर इतना लंबा गैप आया है. दोनों देशों में टैरिफ को लेकर तनाव चरम पर है. इसके चलते चीन में LNG के खरीदार दूसरे देशों से इसे इम्पोर्ट करा रहे हैं. शिप डेटा को ट्रैक करने वाली एनालिटिक्स फर्म केप्लर के मुताबिक, फिलहाल कोई भी अमेरिकी शिपमेंट चीन की तरफ नहीं जा रहा है.
अमेरिका और चीन के बीच LNG का कारोबार शून्य
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान चीन ने अप्रैल 2020 तक लगभग 400 दिनों तक अमेरिका से कोई शिपमेंट नहीं लिया था.
एनर्जी कंसल्टेंसी फर्म रिस्टैड एनर्जी (Rystad Energy) चीनी गैस रिसर्च के प्रमुख वेई जियोनग ने कहा, ”चीन और अमेरिका के बीच LNG का कारोबार 2025 के आखिर तक बने रहने की उम्मीद है क्योंकि ट्रंप के हाई टैरिफ के जवाब में चीन ने अमेरिकी एलएनजी पर टैरिफ को 15 परसेंट से बढ़ाकर 49 परसेंट कर दिया है.” इस बीच चीन को रूस से LNG की सप्लाई की जा रही है. ऑस्ट्रेलिया और कतर के बाद रूस चीन का सबसे बड़ा LNG सप्लायर बन गया है.
LNG की खरीद पर दोनों के बीच कई बड़ी डील
बता दें कि ट्रंप के टैरिफ के जवाब में चीन ने 10 फरवरी से अमेरिकी एलएनजी शिपमेंट पर 15 परसेंट टैरिफ लगाया, जिसे पिछले हफ्ते बढ़ाकर 49 परसेंट कर दिया गया. इसके चलते चीनी एलएनजी व्यापारियों को अमेरिका के बदले शिपमेंट कहीं ओर से मंगानी पड़ रही है.
जहां साल 2021 में चीन के LNG आयात में अमेरिका का योगदान 11 परसेंट था. वहीं, 2024 में यह घटकर 6 परसेंट पर आ गया. LNG की खरीद के लिए पेट्रो चाइना और सिनोपेक जैसी चीन की कई बड़ी एनर्जी कंपनियों और अमेरिकी टर्मिनलों के बीच 13 डील्स हैं, जिनकी अवधि 2049 तक की है. हालांकि, टैरिफ और बढ़ती महंगाई के चलते इनमें से कई इन समझौतों पर फिर से विचार करना चाहते हैं.
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