इस कंपनी को क्यों खरीदना चाहते हैं देश के बड़े-बड़े अरबपति! सिर्फ 3.40 रुपये का है एक शेयर।
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JP एसोसिएट्स के पास कर्ज ही नहीं, कीमती रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्तियां भी हैं. इसके अलावा, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, विशटाउन और इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसे प्रोजेक्ट हैं.
देश की जानी-मानी इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह कुछ खास है. कर्ज में डूबी इस कंपनी के अधिग्रहण के लिए गौतम अडानी, अनिल अग्रवाल की वेदांता और योगगुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद जैसी बड़ी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है. यही नहीं, टॉरेंट पावर, जिंदल पावर, ओबेरॉय रियल्टी और कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स जैसी 26 नामी कंपनियां भी इस रेस में शामिल हैं.
57,185 करोड़ रुपये का कर्ज
जेपी एसोसिएट्स ने खुद शेयर बाजारों को जानकारी दी है कि उन्होंने भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन बोर्ड (IBBI) के तहत उन संभावित निवेशकों की अस्थायी सूची जारी की है जो कंपनी को खरीदने में रुचि रखते हैं. बता दें कि NCLT की इलाहाबाद पीठ ने 3 जून 2024 को कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था, क्योंकि जेएएल अपने 57,185 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाने में असमर्थ रही थी.
इस भारी-भरकम कर्ज का बड़ा हिस्सा भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई वाले कर्जदाताओं के समूह का है, जिसे अब राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (NARCL) के तहत लाया गया है.
आखिर क्यों है कंपनियों की इतनी दिलचस्पी?
दरअसल, जेपी एसोसिएट्स के पास सिर्फ कर्ज ही नहीं, कीमती रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्तियां भी हैं. इसके अलावा, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, विशटाउन और इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसे प्रोजेक्ट हैं. वहीं, दिल्ली-एनसीआर, मसूरी और आगरा में पांच शानदार होटल हैं. जबकि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में चार सीमेंट प्लांट्स हैं. हालांकि ये फिलहाल बंद हैं. इसके अलाव, कंपनी के पास चूना पत्थर की खदानें, जयप्रकाश पावर वेंचर्स, यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग और जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सब्सिडियरी कंपनियों में निवेश भी है.
इन संसाधनों और रियल एस्टेट संपत्तियों को देखते हुए यह अधिग्रहण उन कंपनियों के लिए रणनीतिक विस्तार का बड़ा मौका बन सकता है जो रियल एस्टेट, सीमेंट, हॉस्पिटैलिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती हैं. दिलचस्प बात यह है कि जेपी समूह की एक अन्य कंपनी जेपी इन्फ्राटेक पहले ही दिवाला प्रक्रिया के तहत मुंबई स्थित सुरक्षा ग्रुप द्वारा खरीदी जा चुकी है. अब देखना होगा कि जेपी एसोसिएट्स को कौन सा कॉर्पोरेट दिग्गज अपने पाले में करता है और इस डूबती कंपनी को कैसे उबारता है.
क्या है कंपनी के शयरों के हाल
शुक्रवार को जेपी एसोसिएट्स के शेयरों में तेजी देखने को मिली थी. बाजार बंद होते-होते कंपनी के शेयर 4.62 फीसदी तक चढ़े थे. हालांकि, बीते 1 महीने की बात करें तो कंपनी के शेयरों में 24 फीसदी की गिरावट देखने को मिलती है.
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