‘6E’ में ऐसा क्या कि पहले TATA तो अब महिंद्रा को कोर्ट में खींच लाया इंडिगो।
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‘6E’ इन दो अल्फान्यूमिक नंबर को लेकर देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी और SUV मेकर के बीच विवाद शुरू हो गया है. 6E को लेकर एयरलाइंस कंपनी इंडिगो और महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गई है. मामला दिल्ली के कोर्ट में पहुंच गया है.
‘6E’ इन दो अल्फान्यूमिक नंबर को लेकर देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी और SUV मेकर के बीच विवाद शुरू हो गया है. 6E को लेकर एयरलाइंस कंपनी इंडिगो और महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गई है. मामला दिल्ली के कोर्ट में पहुंच गया है. अगर आप सोच रहे हैं कि 6E में ऐसा क्या है कि दो बड़ी कंपनियां भिड़ गई हैं. बता दें कि महिंद्रा ने अपनी नई इलेक्ट्रिक गाड़ी ‘BE 6e’ को लॉन्च किया है. कार के नाम में 6E का इस्तेमाल किया गया है, जिसे लेकर इंडिगो ने आपत्ति जताई है. इंडिगो का कहना है कि ‘BE 6e’का इस्तेमाल कर महिंद्रा ने ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है.
इंडिगो की दलील
इंडिगो का कहना है वो पिछले 18 सालों से ‘6E’ को अपनी पहचान के तौर पर इस्तेमाल कर रही है. 6E उसका कॉल साइन है, जिससे वो अपने फ्लाइट्स का ऑपरेशन करती है. एयरलाइंस का कहना है कि 6E उसकी ब्रांडिंग और पैसेंजर सर्विसेज का बेस है. इंडिगो ने साल 2015 में कई ट्रेडमार्क कैटेगरी में ‘6E लिंक’ का रजिस्ट्रेशन कराया था.
महिंद्रा की अपना लॉजिक
26 नंवबर को महिंद्रा ने दो कार लॉन्च की. बॉर्न इलेक्ट्रिक और एसयूवी XEV 9E और BE 6e. साल 2025 से इन कारों की डिलीवरी शुरू हो जाएगी, लेकिन लॉन्च के बाद से ही यह कार विवादों में उलझ गई है. कंपनी ने क्लास 12 के तहत ‘BE 6E’ मार्क को रजिस्टर करने के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रार में एप्लिकेशन फाइल किया है. इस रजिस्ट्रेशन के बाद महिंद्रा को इलेक्ट्रिक और कंब्स्टन इंजन वाले व्हीकल्स के लिए ‘6E’ के इस्तेमाल का राइट्स मिल जाएगा.
इंडिगो ने कहा कि उन्हें इस मामले में कोई विवाद नहीं दिखता है. उन्होंने कहा कि कंपनी का मार्क ‘BE 6e’ है न कि 6E. उनका ये ब्रांड इंडिगो के ‘6E’ से अलग है. इंडिगो का 6E एयरलाइन को रिप्रेजेंट करता है. उनके ब्रांडिंग से भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं है. इस विवाद का शांतिपूर्ण तरीके से हल निकालने के लिए इंडिगो से संपर्क में है.
पहले भी कोर्ट पहुंची है इंडिगो
यह दूसरी बार है जब इंडिगो किसी कंपनी के साथ नाम को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रही है। 2015 में, टाटा मोटर्स के साथ भी इंडिगो का ट्रेडमार्क विवाद हुआ था। टाटा मोटर्स उस समय अपनी एक सेडान कार को ‘इंडिगो’ नाम से बेचती थी। इससे पहले भी इंडिगो टाटा मोटर्स के साथ नाम को लेकर कानूनी विवाद में उलझी थी। वर्ष 2015 में टाटा मोटर्स अपनी एक सेडान कार ‘इंडिगो’ नाम से बेचती थी.
टाटा को कोर्ट में घसीट चुकी है इंडिगो
ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले इंडिगो ने टाटा को भी ट्रेडमार्क के लिए कोर्ट में घसीट लिया था. दरअसल साल 2025 में टाटा ने अपनी एक कार ‘इंडिगो’ के नाम से लॉन्च की. इस सेडान कार को लेकर इंडिगो ने टाटा को कोर्ट में घसीट लिया था. बाद में टाटा को नाम बदलना पड़ा.
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