“हमने शांति की कोशिश की, लेकिन हर बार विश्वासघात हुआ…”, मोदी का पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान.
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मोदी ने भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान के बीच राजनीतिक संबंधों में सुधार पर टिप्पणी की।
अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पॉडकास्ट आज प्रसारित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पॉडकास्ट में तीन घंटे तक बात की। इस संवाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सामने मौजूद विभिन्न मुद्दों पर टिप्पणी की। उन्होंने भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान के बीच राजनीतिक संबंधों में सुधार पर भी टिप्पणी की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान की आलोचना की। मोदी ने कहा, “हमने शांति की कोशिश की, लेकिन हर बार विश्वासघात का सामना करना पड़ा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
“भारत ने शांति स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास किया। प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के अपने प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, “हालांकि, हमें हर बार शत्रुता और विश्वासघात का सामना करना पड़ा।” उन्होंने वैश्विक स्तर पर शांति के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 की एक घटना का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था। आशा व्यक्त की गई कि वे भारत-पाकिस्तान संबंधों की नई शुरुआत कर सकेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मोदी ने कहा, ‘‘इस बीच, पाकिस्तान के लोग भी हिंसा, अशांति और आतंक से थक चुके हैं और वे भी शांति चाहते हैं।’’
प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, “यह एक अनूठा कूटनीतिक कदम था।” यहां तक कि जो लोग उस समय मेरी विदेश नीति पर सवाल उठा रहे थे, वे भी आश्चर्यचकित थे। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘इसके बाद प्रणब मुखर्जी ने अपनी पुस्तक में इसकी प्रशंसा की।’’
मोदी ने 2002 के गुजरात दंगों के बारे में क्या कहा?
आप 2002 के गुजरात दंगों को किस प्रकार देखते हैं? पूछे जाने पर मोदी ने कहा, “2002 के दंगों के इर्द-गिर्द एक झूठी कहानी गढ़ने का प्रयास किया गया।” 2002 से पहले गुजरात में 250 से अधिक दंगे हो चुके थे और सांप्रदायिक हिंसा अक्सर होती थी। 2002 से पहले देश में लगातार आतंकवादी हमले और अस्थिरता का माहौल था, जिसके कारण तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था। उस समय विश्व में आतंकवादी गतिविधियों में भी वृद्धि हुई थी। 1999 में कंधार अपहरण कांड हुआ, 2000 में लाल किले पर हमला हुआ और 2001 में हमारी संसद पर हमला हुआ। वह बड़ी चुनौतियों का समय था। लेकिन 2002 के बाद से गुजरात में एक भी बड़ा दंगा नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘‘अब राज्य में स्थायी शांति है।’’
“यह धारणा कि 2002 अब तक का सबसे बड़ा दंगा था, गलत है। हकीकत यह है कि 2002 से पहले भी गुजरात में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। फिर भी, 2002 की तरह, यह कभी भी अंतर्राष्ट्रीय समाचार नहीं बन सका। फिर हमारी सरकार ने स्थिरता लाने की कोशिश की। लेकिन फिर भी, राजनीतिक विरोधियों और मीडिया के कुछ वर्गों ने हमारी छवि खराब करने की कोशिश की। फिर झूठ फैलाने की कोशिश की गई। मोदी ने कहा, “लेकिन अंतत: न्याय की जीत हुई और अदालत ने मुझे सभी आरोपों से मुक्त कर दिया।”
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