करोड़ों का टर्नओवर, हेलीकॉप्टर के मालिक…ये हैं देश के सबसे अमीर किसान, अंबानी भी पीछे!
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किसी शहर, राज्य या फिर देश के सबसे अमीर शख्स की बात हो तो ज्यादातर बिजनेसमैन का ही नाम आता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है देश के सबसे अमीर किसान के पास कितना पैसा और कितनी जमीन होगी? शायद आपने इस बारे में पहले कभी सोचा भी नहीं हो. लेकिन हकीकत यह है कि देश के कई किसान करोड़पति हैं. इन किसानों ने अपनी खेती के दम पर हेलीकॉप्टर से लेकर लग्जरी लाइफ तक और करोड़ों की संपत्ति तैयार की है. आज ऐसे कुछ किसानों की बात करते हैं जिनकी गिनती भारत के सबसे अमीर किसानों में की जाती है. एक तो 1000 एकर पर खेती करता है, जो कि मुकेश अंबानी की 600 एकर से ज्यादा है.
उत्तर प्रदेश के दौलतपुर के रहने वाले रामशरण वर्मा देश के बससे बड़े किसान हैं. रामशरण वर्मा ने पुश्तैनी 6 एकर जमीन से 300 एकड़ जमीन तक का सफर तय किया है. किसान तक में प्रकाशित खबर के अनुसार वह 1986 से खेती कर रहे हैं. उस समय उनके पास पुश्तैनी 6 एकर जमीन थी, जिसे अब बढ़ाकर उन्होंने 300 एकर कर लिया है. 2019 में मोदी सरकार की तरफ से उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. रामशरण वर्मा अधिकतर सब्जियों की खेती करती है. उनका सालाना टर्नओवर करोड़ों में है.
व्यक्तिगत रूप से देश के सबसे बड़े किसान की बात करने पर रामशरण वर्मा के बाद राजस्थान की रमेश चौधरी का आता है. जयपुर के रहने वाले रमेश चौधरी तीन पाली हाउस और एक ग्रीनहाउस के मालिक हैं. पालीहाउस में उनके यहां पर टमाटर और खीरे की खेती की जाती है. इसके अलावा ग्रीन हाउस में उनके यहां फूलों की खेती होती है. रमेश चौधरी के खेतों में बड़ी मात्रा में मक्का भी पैदा होती है. उनका सालाना टर्नओवर दो करोड़ रुपये से ज्यादा है.
ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग से करियर शुरू करने वाले प्रमोद गौतम आज खेती से सालाना एक करोड़ से ज्यादा कमा रहे हैं. वह खेती शुरू करने से पहले एक कंपनी में नौकरी करते थे. साल 2006 में उन्होंने नौकरी छोड़कर 26 एकर जमीन से खेती की शुरुआत की. शुरुआत में उन्होंने मूंगफली और हल्दी की खेती की लेकिन इसमें उन्हें नुकसान हुआ. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. इसके बाद उन्होंने संतरा, अंगूर, केले और अमरूद आदि की बागवानी शुरू कर दी. इस बिजनेस से उन्हें भारी मुनाफा हुआ.
छत्तीसगढ़ के रहने वाले सचिन काले खेती के मामले में देशभर में चौथे नंबर पर हैं. सचिन ने भी अपने करियर की शुरुआत नौकरी से की थी. साल 2014 में नौकरी से इस्तीफा देने के बाद अपनी कंपनी इनोवेटिव एग्रीलाइफ सलूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई. यह कंपनी किसानों से जमीन लेकर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करती है. आज उनका टर्नओवर सालाना करीब ढाई करोड़ रुपये के करीब है.
राजस्थान के रहने वाले हरीश धनदेव कभी इंजीनियर थे. उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर खेती में कदम रखा. एलोवेरा की खेती से शुरुआत करते हुए, उन्होंने इस पौधे को प्रोसैस्ड करना भी शुरू किया. आज, उनके पास करीब 100 एकर जमीन में एलोवेरा की खेती है. हरीश धनदेव का सालाना कारोबार करीब ढाई करोड़ रुपये का है.
बिहार के बस्तर जिले के डॉ. राजाराम त्रिपाठी सफेद मूसली और काली मिर्च के सबसे बड़े उत्पादक हैं. वह 400 परिवारों के साथ 1000 एकर जमीन पर सामूहिक खेती कर रहे हैं. उनकी खेती का साम्राज्य इतना बड़ा है कि उन्होंने इसकी देखभाल के लिए हेलीकॉप्टर का ऑर्डर किया है. राजाराम त्रिपाठी को अब तक देश के सर्वश्रेष्ठ किसान का पुरस्कार मिल चुका है. वह 25 करोड़ के सालाना टर्नओवर वाले मां दंतेश्वरी हर्बल ग्रुप के सीईओ हैं. उनका ग्रुप यूरोपीय और अमेरिकी देशों में काली मिर्च का निर्यात करता है.
मुकेश अंबानी का जाम नगर में 600 एकर जमीन में फैला आम का बाग है. इस बाग का नाम धीरूभाई अंबानी के नाम पर है. बाग में 200 से ज्यादा वैरायटी के करीब 1.3 लाख आम के पेड़ हैं. बाग से हर साल करीब 600 टन आम का उत्पादन करने वाली रिलायंस देश ही नहीं एशिया की सबसे बड़ी आम एक्सपोर्ट कंपनी है.
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