महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त की सबसे बड़ी खबर! फडनवीस के नाम पर…
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राज्य में महागठबंधन की सफलता में भारतीय जनता पार्टी का सबसे बड़ा योगदान है और इस जीत के सूत्रधार राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस हैं।
राज्य में अभूतपूर्व जीत के बाद अगले ही दिन कई जगहों पर महायुति का जश्न शुरू हो गया. दिलचस्प बात यह है कि जहां एक ओर जश्न पूरे जोरों पर है, वहीं दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री पद पर कौन बैठेगा, इसे लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. भारतीय जनता पार्टी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है, उसके बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी है। ऐसे में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते मुख्यमंत्री पद का दावा करेगी या नहीं, इसे लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इसी बीच नागपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यह खबर प्रदेश की राजनीति की सबसे बड़ी खबर कही जा सकती है.
फडनवीस को समर्थन
सूत्रों ने जानकारी दी है कि विधानसभा चुनाव में महायुति की शानदार सफलता के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फड़णवीस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को पसंद कर रहे हैं. बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देवेन्द्र फड़णवीस के पक्ष में है जबकि मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर सस्पेंस बना हुआ है. अहम बात यह है कि विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरी ताकत से बीजेपी के पीछे खड़ा रहा. इसलिए लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन का ग्राफ जो गिरा है वह बेहद ऊंचा हो गया है. विधानसभा चुनाव में वोटिंग का प्रतिशत तो बढ़ा ही है, साथ ही बीजेपी को बड़ी सफलता भी मिली है.
टीम की अहम भूमिका
जून की शुरुआत में लोकसभा नतीजों में बीजेपी को बड़ा झटका लगने के बाद आलोचना हुई कि बीजेपी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मदद नहीं ली. इस आलोचना के बाद बीजेपी ने सतर्क रुख अपनाया और विधानसभा में इस गलती को सुधारा. विधानसभा में बीजेपी के साथ महायुति की जीत के पीछे निश्चित तौर पर संघ कार्यकर्ताओं का समर्थन ही था. पर्दे के पीछे प्रचार से लेकर संगठनात्मक निर्माण तक, संघ ने भाजपा को चुनावों का अधिक मजबूती से सामना करने में मदद की। असल में संघ कार्यकर्ताओं ने जमीन पर जाकर जो काम किया, उसका मतदान और मतदान प्रतिशत पर लड़की बहिन, बटेंगे तो कटेंगे, एक है तो सेफ है से भी ज्यादा असर पड़ा।
वोटिंग के बाद भागवत से फड़णवीस की मुलाकात
मतदान के दिन भी फड़णवीस ने नागपुर में सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात की थी. हालांकि, महज 15 मिनट की इस मुलाकात में क्या चर्चा हुई, यह अभी गुप्त है, लेकिन यह साफ है कि फिलहाल संघ फड़णवीस से खुश है और उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहता है। अब क्या केंद्रीय नेतृत्व मैट्रिक संस्था की इस बात को स्वीकार करेगा? फड़णवीस का मुख्यमंत्री पद तक का सफर और आरामदायक हो गया है.
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