मुंबई में पीएम मोदी-नीतीश-नायडू ने दिखाई NDA की मजबूती, फडणवीस के शपथ समारोह से INDIA को कई संदेश।
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महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह में गुरुवार को आजाद मैदान से संसद के शीतकालीन सत्र और विपक्षी इंडिया गठबंधन को दिल्ली में बड़ा संदेश दिया गया है. मुंबई में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू समेत एनएडीए के सभी दिग्गजों की मौजूदगी और पीएम मोदी के साथ उनकी गर्मजोशी से भरी मुलाकातों ने सबका ध्यान खींचा.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे के 12 दिन बाद और संसद के शीतकालीन सत्र के बीच में मुंबई के आजाद मैदान में गुरुवार शाम को देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह ने एक साथ कई राजनीतिक संदेश भी दिए. तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे फडणवीस को शुभकामनाएं देने के लिए भाजपा और उसके नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के तमाम दिग्गज मुंबई पहुंचे थे.
पीएम मोदी ने भाजपा और एनडीए के सभी मुख्यमंत्रियों से की मुलाकात
इस दौरान मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलने की शुरुआत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से हाथ मिलाने के साथ की. पीएम मोदी ने एनडीए के सहयोगी दल जदयू प्रमुख नीतीश कुमार और टीडीपी के सर्वेसर्वा चंद्रबाबू नायडू के साथ थोड़ी देर ठहर कर बात की. इस दौरान तीनों नेताओं ने मुस्कुराते हुए एक-दूसरे का अभिवादन किया. इसके बाद पीएम मोदी सीटिंग अरेंजमेंट के मुताबिक आगे बैठे मुख्यमंत्रियों से मिलने बढ़ गए.
पीएम मोदी-नीतीश-नायडू की मुंबई में मुलाकात से चिढ़ सकता है पूरा विपक्ष
पीएम मोदी, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की मुंबई में हुई गर्मजोशी से भरी मुलाकात ने सबका ध्यान खींचा. दिल्ली में संसद के मौजूदा सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर हंगामे में जुटे विपक्षी इंडिया गठबंधन को भी एनडीए के दिग्गजों की इस दमदार दोस्ती से बड़ा मैसेज देने की कोशिश की गई. लोकसभा चुनाव के नतीजे और पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद से हर मुद्दे पर नीतीश और नायडू की समर्थन वापसी की उम्मीद में रहने वाले विपक्षी इंडिया गठबंधन को इन तस्वीरों से चिढ़ मचना भी स्वाभाविक है.
बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव, नीतीश के नेतृत्व में एनडीए का भरोसा
इसके अलावा, राजनीतिक तौर पर संवेदनशील कहे जाने वाले राज्य बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने वाला है. वहां, नीतीश कुमार लगातार कहते रहते हैं कि वह एनडीए को छोड़कर कहीं और नहीं जाने वाले हैं, लेकिन बीच-बीच में विपक्षी नेता उनके एनडीए से अलग होकर महागठबंधन यानी इंडिया गठबंधन में आने के सियासी कयास लगाते रहते हैं. बिहार में नीतीश कुमार के किसी भी राजनीतिक कदम को इस नजरिए से भी देखा जाने लगता है. हालांकि, अब साफ हो गया है कि केंद्र में पीएम मोदी और बिहार में नीतीश को लेकर एनडीए में पूरी मजबूती है.
जनसंख्या नीति, परिसीमन, वक्फ बोर्ड वगैरह पर नायडू के दिखे अलग रुख
दूसरी ओर, दक्षिणी राज्यों में चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश में जनसंख्या नीति की समीक्षा की बात कहने के बाद उनके समर्थन में तमिलनाडु के सीएम स्टालिन और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी के आगे आने के बाद अलग सियासी खिचड़ी पकाए जाने की चर्चा भी तेज हो गई थी. राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तावित नए परिसीमन को लेकर भी दक्षिण के राज्यों की एक जैसी मांगों ने राजनीतिक जानकारों के कान खड़े कर दिए थे. संसद में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक समेत कुछ मुद्दों पर टीडीपी के रुख को लेकर भी कई तरह की चर्चा की जाने लगी. अब इस पर भी विराम लगने की संभावना है.
संसद के मौजूदा सत्र में कई मुद्दों पर बिखरा दिखा इंडिया गठबंधन
इस बीच, संसद के मौजूदा सत्र में विपक्षी इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच कई मुद्दों पर जारी गतिरोध के दौरान मुंबई में एनडीए की मजबूत दोस्ती और दम दिखाने की कोशिसश की गई. संसद में अमेरिकी कोर्ट में अडानी समूह पर मुकदमे का मामला हो या लोकसभा में सांसदों के लिए सीटों की व्यवस्था इंडिया गठबंधन के कई दलों में तकरार साफ दिख रही है. पहले तृणमूल कांग्रेस और फिर समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से अलग रूख दिखाया. संभल मामले में भी सपा नेता रामगोपाल यादव ने राहुल गांधी को घेरने की कोशिश की.
दिल्ली, जम्मू कश्मीर और झारखंड में इंडिया गठबंधन में कशकमश
वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया. इससे पहले, जम्मू कश्मीर और झारखंड में सरकार बनने के बावजूद कांग्रेस को लेकर उसके सहयोगी दल नेशनल कांफ्रेंस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गर्मजोशी नहीं दिखाई. इसके मुकाबले एनडीए में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने पीएम मोदी के साथ मिलकर विपक्ष को साफ संदेश दिया है कि संसद हो, कोई समारोह हो या फिर सड़क एनडीए की एकता में कहीं कोई कमी नहीं है.
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