EWS आरक्षण में कटौती पर पटना HC ने सरकार और BPSC से मांगा जवाब, 4 हफ्ते में दें शपथ पत्र।
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BPSC शिक्षक बहाली में ईडब्ल्यूएस वर्ग को 10 फीसद आरक्षण देने के मामले पर पटना हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई की गई. मामले पर अगली सुनवाई 23 जून को होनी है.
बीपीएससी शिक्षक बहाली में आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण कम देने के मामले में गुरुवार (24 अप्रैल) को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. इस दौरान कोर्ट ने बीपीएसी और सरकार से जवाब तलब किया है. जस्टिस सत्यव्रत वर्मा की एकलपीठ ने अभय राज एवं अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है.
पटना हाईकोर्ट की तरफ से बताया गया कि बिहार लोक सेवा आयोग ने प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की बहाली के लिए पिछले साल विज्ञापन संख्या 22/2024 जारी किया था. इसमें आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (EWS) के लिए तय 10 फीसद आरक्षण को जानबूझकर घटाया गया. पदों की संख्या जहां 19842 होनी थी, वो 10 फीसद घटने की वजह से 917 पद रह गई.
वकील ने कोर्ट को क्या कुछ बताया?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अभिनव ने बताया कि पहले 21,771 पद थे. उस दौरान आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (EWS) के लिए लगभग 2000 पद आरक्षित थे. 2023 में जब कोर्ट ने 65 फीसद आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था, तब सीटें घटाकर 19842 कर दी गई थी. इसके साथ ही ईडब्ल्यूएस 1984 की बजाय 917 सीटों पर आरक्षण देने का निर्णय लिया गया.
23 जून को होगी मामले की अगली सुनवाई
याचिका में यह भी बताया गया है कि महिलाओं को आरक्षण ऊर्ध्व रूप से दिया गया. जबकि संविधान के अनुसार उन्हें क्षैतिज रूप से आरक्षण मिलना चाहिए. अब इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 23 जून 2025 का समय दिया गया है.
4 सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश
कोर्ट की तरफ से राज्य सरकार और बीपीएससी को निर्देश दिया गया है कि चार सप्ताह के भीतर शपथ पत्र दाखिल करें जिसमें ये स्पष्ट किया जाए कि ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए आरक्षण में कटौती किस आधार पर की गई है. महिलाओं को विभिन्न वर्गों में दिए गए आरक्षण की ऊर्ध्व क्षैतिज संरचना का औचित्य क्या है.
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