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    February 7, 2025

    महापरिनिर्वाण दिवस विशेष: डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि।

    1 min read
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    आज, 6 दिसंबर, डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर की 67वीं पुण्यतिथि के रूप में महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है। संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के पुरोधा अंबेडकर का 1956 में आज ही के दिन निधन हुआ था। इस दिन लाखों अनुयायी मुंबई के दादर स्थित चैत्यभूमि पहुंचते हैं, जहां अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी जाती है।

    डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर का योगदान:
    १. संविधान निर्माता: डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई और इसे सामाजिक समानता का आधार बनाया।
    २. सामाजिक सुधारक: उन्होंने जातिगत भेदभाव और छुआछूत के खिलाफ जीवनभर संघर्ष किया।
    ३. धर्मांतरण आंदोलन: 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया, जिसे उनके अनुयायी आज भी एक महत्वपूर्ण घटना मानते हैं।

    डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर: समानता और न्याय के प्रतीक
    डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर, जिन्हें डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के नाम से जाना जाता है. भारतीय इतिहास के महान समाज सुधारक, संविधान निर्माता और राजनीतिक नेता थे। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था। अपने जीवनभर उन्होंने सामाजिक भेदभाव और जातिगत अत्याचार के खिलाफ संघर्ष किया।

    प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
    १. डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर ने अपने बचपन में गहरी जातिगत असमानताओं का सामना किया।
    २. उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
    ३. उनकी शिक्षा ने उन्हें न्याय, समानता और सामाजिक सुधार के लिए प्रेरित किया

    मुख्य योगदान
    भारतीय संविधान के निर्माता:
    १. डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर ने भारतीय संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    २. उन्होंने संविधान में सामाजिक न्याय, समानता और मौलिक अधिकारों का समावेश सुनिश्चित किया।

    जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई:
    १. उन्होंने पानी के अधिकारों के लिए महाड सत्याग्रह और मनुस्मृति दहन जैसे आंदोलनों का नेतृत्व किया।
    २. जातिगत भेदभाव और छुआछूत को खत्म करने के लिए कई सुधार किए।

    आर्थिक दृष्टिकोण:
    १. डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर ने श्रमिक अधिकारों, भूमि सुधार और सरकारी क्षेत्र के नियंत्रण पर जोर दिया।
    २. उनकी आर्थिक नीति के आधार पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई थी।

    दलित सशक्तिकरण:
    १. उन्होंने मूक नायक और बहिष्कृत भारत जैसे पत्रिकाओं के माध्यम से दलितों को अपने अधिकारों के लिए जागरूक किया।
    २. शिक्षा और रोजगार में आरक्षण के माध्यम से वंचित वर्गों के उत्थान की वकालत की।

    बौद्ध धर्म का पुनरुद्धार:
    १. 1956 में, उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया और लाखों अनुयायियों को जातिगत अत्याचारों से मुक्ति का मार्ग दिखाया।

    मृत्यु और विरासत
    १. डॉ. अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ। यह दिन महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
    २. उनका जीवन आज भी समानता और मानव अधिकारों के लिए प्रेरणा बना हुआ है।

    सम्मान
    १. उन्हें मरणोपरांत 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
    २. उनके नाम पर अनेक विश्वविद्यालय और संस्थाएं स्थापित की गई हैं।

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