“आत्मा की आवाज़ सुनकर चुना आध्यात्मिक सेवा का मार्ग: किर्ती आनंद सिंह की प्रेरक कहानी”
1 min read
|










मुंबई: किसी भी युवा के जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य होता है – अच्छी पढ़ाई करना, एक बेहतरीन डिग्री हासिल करना और एक सफल करियर बनाकर एक स्थिर जीवन जीना। हमारे समाज में यही एक ‘अच्छे जीवन’ की तयशुदा परिभाषा है। मेरे सामने भी वही विकल्प थे जो समाज में स्वीकृत माने जाते हैं – सरकारी नौकरी, डॉक्टर, इंजीनियर या फिर बैंक में अच्छी नौकरी। और मैंने भी वही रास्ता चुना।
शैक्षणिक योग्यताएँ पूरी करने के बाद मुझे एक प्रतिष्ठित मल्टीनेशनल बैंक में नौकरी मिली। कुछ समय बाद एक और बेहतर अवसर मिला और मैंने दूसरी बैंक में स्थानांतरित हो गई।
सब कुछ ठीक चल रहा था… बल्कि परफेक्ट था। लेकिन फिर भी कहीं कुछ अधूरा सा लगता था। भीतर से हमेशा लगता था कि शायद यही मेरा रास्ता नहीं है, यही मेरी मंज़िल नहीं है। फिर एक दिन मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनने और उसका पालन करने का निर्णय लिया। यह आसान नहीं था, लेकिन मैं जानती थी कि मुझे क्या करना है।
मैंने अपनी ऊँची सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी और अपने करियर को एक नया मोड़ देने का फैसला किया – एक ऐसा फैसला जो मेरी जिंदगी को ही नहीं, बल्कि औरों की जिंदगी को भी बदलने वाला था।
मैंने ज्योतिष, टैरो कार्ड रीडिंग, अंक ज्योतिष, हीलिंग और लाइफ कोच बनने का निश्चय किया।
यही मेरा असली लक्ष्य था। यही मैं वास्तव में बनना चाहती थी। शुरुआत में मुश्किल था। मैंने दिन-रात पढ़ाई की ताकि अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित कर सकूँ। अभ्यास से ही पूर्णता आती है। मुझे आज भी याद है कि जब मैंने अपने पेशे से किसी की मदद की, तो जो सुख और संतोष मिला, वह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यह मेरे लिए डबल विन की स्थिति थी – क्योंकि मैं केवल पैसा कमाने के लिए यह सब नहीं कर रही थी। मेरा उद्देश्य कभी भी केवल धन नहीं था। इस पेशे के माध्यम से मुझे आत्मा की तृप्ति भी मिल रही थी और साथ ही आय भी, जो मेरा वास्तविक लक्ष्य था।
आज मुझे इस क्षेत्र में कार्य करते हुए एक दशक से अधिक हो चुका है। मैं बेहद संतुष्ट और गौरवान्वित महसूस करती हूँ कि इतने सारे लोगों को लगता है कि मैंने उनकी मदद की है। आज मेरा क्लाइंट बेस केवल मुंबई या महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे भारत और विदेशों – जैसे खाड़ी देश, यूके, यूरोप, कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया – से लोग मुझसे परामर्श लेने आते हैं।
इस पेशे ने मुझे एक और बड़ी सीख दी – इसने मेरी सोच को पूरी तरह बदल दिया। अब मैं जीवन को 360 डिग्री के दृष्टिकोण से देखती हूँ। मुझे अब केवल इंसानों से नहीं, बल्कि जानवरों से भी गहरा लगाव हो गया है। मैं किसी एनजीओ से तो नहीं जुड़ी हूँ, लेकिन अपने व्यक्तिगत स्तर पर जानवरों, बेसहारा लोगों और गरीब बच्चों की सेवा करती हूँ।
मैं ईश्वर का धन्यवाद करती हूँ कि उन्होंने मुझे ऐसा अवसर दिया, जहाँ मैं अपने पेशे के माध्यम से लोगों की मदद कर सकूँ और साथ ही उस आय से जरूरतमंदों के लिए कुछ कर सकूँ। मैं निर्धनों, असहायों और बेसहारा लोगों की मदद करती हूँ, गरीब बच्चों की शिक्षा में योगदान देती हूँ और विशेष रूप से आवारा कुत्तों व गौ माता की सेवा करती हूँ।
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments