Instagram और WhatsApp बिकने वाला है! Meta पर शुरू हुई कानूनी जंग, मार्क जुकरबर्ग की बढ़ी टेंशन।
1 min read
|








Meta पर कोर्ट में एंटीट्रस्ट केस शुरू हो गया है और अगर फैसला खिलाफ गया तो ज़ुकरबर्ग को WhatsApp और Instagram बेचना पड़ सकता है.
अमेरिका के वॉशिंगटन में सोमवार को एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी Meta पर एंटीट्रस्ट यानी बाजार में एकाधिकार बनाने का आरोप लगा है. इस मामले की सुनवाई अब कोर्ट में शुरू हो चुकी है. अगर कोर्ट का फैसला Meta के खिलाफ गया, तो कंपनी के मालिक मार्क जुकरबर्ग को अपनी दो सबसे बड़ी ऐप्स, WhatsApp और Instagram बेचनी पड़ सकती हैं.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल Meta ने साल 2012 में Instagram को करीब 1 अरब डॉलर में और 2014 में WhatsApp को लगभग 22 अरब डॉलर में खरीदा था. उस वक्त इन दोनों डील को अमेरिका की संघीय व्यापार आयोग (FTC) ने मंजूरी दी थी, लेकिन अब FTC का कहना है कि ये सौदे इसलिए किए गए थे ताकि सोशल मीडिया मार्केट में Meta का दबदबा बना रहे और कॉम्पिटिशन खत्म हो जाए.
FTC क्यों कर रही है केस?
FTC का आरोप है कि Meta ने Instagram और WhatsApp को इसलिए खरीदा ताकि भविष्य के संभावित मुकाबले को पहले ही खत्म किया जा सके. कोर्ट में पेश एक ईमेल में मार्क जुकरबर्ग ने लिखा था—’कभी-कभी मुकाबला करने के बजाय खरीद लेना बेहतर होता है.’ FTC का मानना है कि अगर ये खरीदारी न होती, तो सोशल मीडिया का चेहरा आज कुछ और होता और यूजर्स को ज्यादा विकल्प मिलते.
Meta की सफाई
वहीं Meta की तरफ से यह तर्क दिया गया है कि वह अकेली कंपनी नहीं है जो सोशल मीडिया की दुनिया में खेल रही है. TikTok, Snapchat और Reddit जैसी कई कंपनियां हैं जो Meta को कड़ी टक्कर देती हैं. ऐसे में Meta का कहना है कि उसने कोई नियम नहीं तोड़ा और बाजार में आज भी प्रतियोगिता बनी हुई है.
क्यों है ये मामला अहम?
अमेरिका में एंटीट्रस्ट कानून बेहद सख्त हैं. किसी भी कंपनी को यह इजाजत नहीं है कि वह अपने प्रतिद्वंद्वियों को खरीदकर बाजार पर एकाधिकार बना ले. अगर कोर्ट को लगता है कि Meta ने ऐसा किया है, तो कंपनी को मजबूरन Instagram और WhatsApp को अलग करना पड़ सकता है.
क्या होगा अगर Meta हार जाती है?
अगर FTC यह साबित करने में सफल होती है कि Meta की रणनीति बाजार में कॉम्पिटिशन खत्म करने की थी, तो कोर्ट Meta को दोनों ऐप्स बेचने का आदेश दे सकता है. ये फैसला न सिर्फ मार्क जुकरबर्ग के लिए बड़ा झटका होगा, बल्कि पूरी टेक इंडस्ट्री के लिए भी एक बड़ा संकेत होगा कि अब सरकारें टेक कंपनियों की मनमानी पर सख्ती दिखाने लगी हैं.
नतीजा क्या होगा?
फिलहाल कुछ भी कह पाना मुश्किल है. जानकारों की राय भी बंटी हुई है. कुछ का मानना है कि Meta अपनी बात साबित करने में कामयाब हो जाएगी, तो कुछ का कहना है कि FTC के पास मजबूत सबूत हैं. लेकिन इतना जरूर है कि अगर फैसला FTC के पक्ष में जाता है, तो यह सोशल मीडिया की दुनिया में एक बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments