‘संसद भवन में जैन धर्म का प्रभाव’, प्रधानमंत्री मोदी किया ने ‘नवकार महामंत्र’ का जाप।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवकार महामंत्र का जाप करते हुए जैन धर्म के महत्व को बताया और नए संसद भवन में जैन संस्कृति के प्रभाव को रेखांकित किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार यानी 9 अप्रैल को दिल्ली के विज्ञान भवन में नवकार महामंत्र दिवस कार्यक्रम में भाग लिया और दूसरों के साथ ‘नवकार महामंत्र’ का जाप किया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन करने से पहले प्रधानमंत्री ने सभी से सुबह 8:27 बजे एक साथ नवकार महामंत्र का जाप करने का आह्वान किया.
इस कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी ने एक पोस्ट में लिखा, ‘आइए, हम सभी 8:27 बजे नवकार महामंत्र का जाप एक साथ करें.’ उन्होंने कहा, ‘हर आवाज शांति, शक्ति और सामंजस्य लाए. हम सभी मिलकर भाईचारे और एकता की भावना को बढ़ाएं.’
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि यह कार्यक्रम एक वैश्विक पहल है, जिसमें 108 से ज्यादा देशों के लोग शांति, आध्यात्मिक जागरूकता और सार्वभौमिक एकता के लिए इस पवित्र मंत्र का जाप कर रहे हैं.
पीएम ने बताया नवकार महामंत्र का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में नवकार महामंत्र को आस्था का केंद्र बताते हुए कहा कि इसका महत्व सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, बल्कि यह हर व्यक्ति को आत्म-सुधार और समाज की ओर मार्गदर्शन भी करता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा, ‘नवकार मंत्र हमें ‘अपने आप पर विश्वास करने’ की शिक्षा देता है. शत्रु बाहर नहीं, बल्कि हमारे भीतर होते हैं. नकारात्मक सोच, बेईमानी और स्वार्थ हमारे असली शत्रु हैं और इन पर विजय प्राप्त करना असली जीत है. जैन धर्म हमें खुद पर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देता है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं अभी भी नवकार महामंत्र की आध्यात्मिक शक्ति को अपने भीतर महसूस कर सकता हूं. कुछ साल पहले मैंने बेंगलुरु में एक सामूहिक जाप कार्यक्रम देखा था और आज मुझे वही अनुभव फिर से हुआ. मैं गुजरात में जन्मा हूं, जहां जैन धर्म का प्रभाव हर गली में दिखाई देता है. बचपन से ही मुझे जैन आचार्यों का सानिध्य प्राप्त हुआ है.’
नवकार महामंत्र का जाप करने पर हम पंच परमेष्ठी को नमन करते हैं
प्रधानमंत्री आगे कहते हैं, ‘जब हम नवकार महामंत्र का जाप करते हैं, तो हम पंच परमेष्ठी को नमन करते हैं.’
नए संसद भवन में जैन धर्म का प्रभाव
पीएम ने संबोधन के दौरान ये भी कहा कि नए संसद भवन में जैन धर्म का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. जैसे ही आप नए संसद भवन में शार्दुल द्वार से प्रवेश करते हैं, आप गैलरी में ‘समेद शिखर’ को देख सकते हैं. लोकसभा के प्रवेश द्वार पर तिर्थंकर की मूर्ति है, जो ऑस्ट्रेलिया से वापस आई है. संविधान हॉल की छत पर भगवान महावीर की अद्भुत पेंटिंग भी है. दीवार पर सभी चौबीस तिर्थंकरों की मूर्तियां हैं.’
नवकार महामंत्र दिवस क्या है?
नवकार महामंत्र दिवस एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक आयोजन है जो लोगों को नवकार महामंत्र के सामूहिक जाप के माध्यम से आत्मिक शांति, नैतिक जागरूकता और आध्यात्मिक एकता की ओर प्रेरित करता है. यह जैन धर्म का सबसे सम्मानित और सार्वभौमिक मंत्र है.
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