नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 18, 2025

    “अगर आपको अपनी भाषा पर गर्व है, तो कम से कम अपना हस्ताक्षर तो रखें…”, तमिलनाडु में प्रधानमंत्री मोदी का बयान; सत्तारूढ़ डीएमके को निशाना बनाया गया!

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में बोलते हुए तमिल भाषा को लेकर स्टालिन सरकार पर हमला बोला है।

    पिछले कुछ महीनों से क्षेत्रीय भाषाओं और राष्ट्रीय स्तर पर प्रयुक्त होने वाली भाषाओं का मुद्दा पूरे देश में चर्चा का विषय रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच सीधा टकराव है। इस नीति में तमिलनाडु राज्य ने त्रिभाषा नीति का कड़ा विरोध किया है। इस पर विवाद अभी जारी ही है कि रविवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया एक बयान चर्चा में आ गया है।

    इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामेश्वरम को जोड़ने वाले पम्बन ब्रिज का उद्घाटन किया। यह पुल, जिसे देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट पुल माना जाता है, इस समय शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके साथ ही मोदी ने कुछ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु की स्टालिन सरकार पर हमला बोला। मोदी ने मुख्यमंत्री स्टालिन पर कटाक्ष करते हुए कहा, “केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु को बढ़ी हुई धनराशि उपलब्ध कराने के बाद भी कुछ लोग अभी भी इसका रोना रो रहे हैं।”

    मोदी ने कहा, “पिछले एक दशक में केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को 2014 से पहले दी गई राशि की तुलना में तीन गुना अधिक धनराशि दी है। बुनियादी ढांचे का विकास तमिलनाडु की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पिछले एक दशक में रेलवे बजट में सात गुना वृद्धि हुई है। इस विकास दर के बावजूद कुछ लोग बिना किसी आधार के शिकायत करते रहते हैं।”

    “कम से कम अपनी मातृभाषा में हस्ताक्षर तो करें”
    इस बीच, जहां स्टालिन सरकार ने त्रिभाषा नीति की आलोचना की, वहीं मोदी ने इस पर कटाक्ष किया। मोदी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “केंद्र सरकार तमिल भाषा और विरासत को दुनिया तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कभी-कभी मुझे बहुत आश्चर्य होता है। मुझे तमिलनाडु के कुछ नेताओं से पत्र मिलते हैं। लेकिन उनमें से एक पर भी तमिल में हस्ताक्षर नहीं होते। अगर आपको तमिल भाषा पर गर्व है, तो मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कम से कम तमिल में हस्ताक्षर तो करें।”

    त्रिभाषा नीति विवाद क्या है?
    राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लेख किया गया है कि छात्रों को स्कूली शिक्षा में तीन भाषाएँ सीखनी चाहिए। यह भी ध्यान दिया गया है कि इनमें से कम से कम दो भाषाएँ भारतीय होनी चाहिए। तमिलनाडु ने इस पर आपत्ति जताई है। तमिलनाडु अपने दिवंगत मुख्यमंत्री सी. एन. अन्नादुरई के निधन पर शोक मना रहा है। अन्नादुरई के कार्यकाल के दौरान, दो-भाषा नीति अपनाई गई थी। इसमें तमिल और अंग्रेजी भाषाएं शामिल हैं। इसलिए, तमिलनाडु देश का एकमात्र राज्य बन गया है जिसने दो-भाषा नीति अपनाई है। तमिलनाडु ने मुद्दा उठाया है कि केंद्र सरकार नई नीति के जरिए हिंदी भाषा को जबरन थोपने की कोशिश कर रही है।

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    5:03 PM