‘मैं योद्धा हूं, पीछे नहीं हटूंगी’, प्रियंका गांधी का प्रचंड आरंभ: वायनाड में जीत की ये 3 वजहें।
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सभी की निगाहें केरल के वायनाड लोकसभा उपचुनाव पर पर हैं, जहां से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. प्रियंका गांधी दोपहर करीब 3 बजे तक एलडीएफ के सत्यन मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास से 404619 वोटों तक आगे हैं, आइए जानते हैं कि आखिर क्या है वह तीन वजहें, जिसकी वजह से प्रियंका गांधी वायनाड सीट पर रचीं इतिहास.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की जीत से एक दिन पहले ही प्रयागराज में एक पोस्टर लगा-इंदिरा इज बैक. नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक शहर प्रयागराज में लगे इस पोस्टर में उन्हें वायनाड लोकसभा सीट पर जीत की अग्रिम बधाई दी गई. और आज यानी 23 नवंबर को जब वायनाड लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आ रहे हैं तो प्रियंका गांधी इतिहास रचते हुए नजर आ रही हैं. दोपहर दो बजे तक इलेक्शन कमीशन की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, प्रियंका गांधी को अब तक वायनाड में 612020 वोट पा चुकी हैं. और उनके सामने कोई भी विरोधी पार्टी उम्मीदवार नहीं टिक पाया. प्रियंका गांधी ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) की अगुवाई वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के सत्यन मोकेरी और एनडीए गठबंधन की ओर से नव्या हरिदास को अभी तक 404619 वोटों से आगे चल रही हैं. तो आइए जानते हैं आखिर क्या है वह तीन वजहें जिसके लिए वायनाड की जनता ने पूरा प्यार प्रियंका पर उड़ेल दिया.
वायनाड की जनता का भरोसा:- अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार चुनाव लड़ रहीं प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव के प्रचार के दौरान जनता से कहा था कि मैं पीछे नहीं हटूंगी. प्रियंका गांधी ने कहा कि वह एक ‘योद्धा’ हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह वायनाड के लोगों के लिए संसद और हर दूसरे मंच पर लड़ेंगी ताकि उनके मुद्दों का समाधान निकल सके. उन्होंने कहा, ‘‘मैं पीछे नहीं हटूंगी. मैं आपके लिए लड़ूंगी. मैं आपको निराश नहीं करूंगी. प्रियंका की इन बातों पर जनता ने भरोसा किया और जमकर वोट दिया. तभी तो प्रियंका गांधी ने अपने भाई राहुल गांधी से अधिक वोट वायनाड में पाईं हैं.
40 फीसदी मुस्लिम, 20 फीसदी ईसाई: इंडिया स्टैट इलेक्शन के आंकड़ों के मुताबिक वायनाड लोकसभा सीट पर 40 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. वहीं, सीट पर 40 फीसदी हिंदू मतदाता हैं. 20 फीसदी वोटर ईसाई समुदाय से हैं. इस सीट पर एससी और एसटी मतदाताओं की संख्या क्रमश: 7 फीसदी और 9.3 फीसदी है. वायनाड सीट पर ग्रामीण मतदाता 93 फीसदी और शहरी मतदाता 7 फीसदी हैं. जिस तरह पीएफआई, एसडीपीआई और अन्य मुस्लिम संगठनों ने कांग्रेस को चुनाव से पहले समर्थन किया , उसी का नतीजा अब इस परिणाम में दिख रहा है.
राहुल गांधी की भावुक अपील: वायनाड में उपचुनाव तभी हो रहा जब राहुल गांधी ने यह सीट खाली की थी, वायनाड से राहुल गांधी का लगातार दूसरी बार जीते थे. इससे यह तो पता चलता है कि कि वायनाड की जनता का कांग्रेस पर और कांग्रेस का वायनाड की जनता पर खूब भरोसा है, इसलिए तो प्रियंका गांधी के भाई राहुल गांधी ने मनांथावाडी के गांधी पार्क में एक जनसभा में कहा था, “मेरी बहन ने इन सालों में मेरी मां, मेरे पिता और मेरे लिए चुनाव प्रचार किया है. यह पहली बार है जब वो खुद चुनाव लड़ रही हैं.” कांग्रेस परिवार की चहेती सीट हैं, तभी तो इस बार प्रियंका गांधी को राजनीति की शुरूआत इसी सीट से कराई गई.
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