आख़िरकार मेहनत का फल मिल ही गया! बिना कोचिंग के पढ़ी गांव की लड़की, एक साथ मिली तीन सरकारी नौकरियां
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अब वह आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखती हैं।
तेलंगाना के दम्मापेटा गांव की भोगी सम्मक्का ने अपनी मेहनत से न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया बल्कि समाज में एक रोल मॉडल भी बनीं। भोगी सम्मक्का ने तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीजीपीएससी) परीक्षा उत्तीर्ण की और व्याख्याता का पद हासिल किया, तेलंगाना पुलिस कांस्टेबल परीक्षा उत्तीर्ण की और टीजीपीएससी समूह IV उत्तीर्ण किया और जूनियर सहायक के रूप में चयनित हुए।
उन्होंने घर पर ही पढ़ाई की और खुद पर विश्वास किया
भोगी सम्मका ने अपनी तैयारी पूरी तरह से घर पर ही की। सरकारी नौकरी की परीक्षा के लिए उन्होंने बिना किसी कोचिंग की मदद लिए अपनी मेहनत पर भरोसा किया। उनका मानना है कि सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए कोचिंग की जरूरत नहीं है, बल्कि आत्मविश्वास और सही दिशा में कड़ी मेहनत ही काफी है।
परिवार प्रेरक शक्ति बन गया
भोगी की मां भोगी रमणा एक आंगनवाड़ी शिक्षिका हैं और पिता सत्यम एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि ने उन्हें समाज के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराया और आगे बढ़ने का साहस दिया। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा एक सरकारी स्कूल से पूरी की और उस्मानिया विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
यूपीएससी की तैयारी शुरू हो गई
तीन सरकारी नौकरियों के बावजूद भोगी सम्मक्का का सफर यहीं खत्म नहीं होता। उनका सपना संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनना है। वह कहती हैं कि सफर मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं।
समाज के लिए प्रेरणा
भोगी सम्मका की कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने का साहस करता है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से साबित कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी चुनौती आपको रोक नहीं सकती। बिना कोचिंग के गांव में इतनी बड़ी सफलता हासिल करना आसान काम नहीं है, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है।
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