सीएम देवेंद्र फडणवीस ने किया ‘निर्भया’ साइबर लैब का उद्घाटन, जानें- कैसे करेगा काम?
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साइबर अपराध से आम जनता की सुरक्षा को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई पुलिस के लिए हाई-टेक ‘निर्भया’ साइबर लैब का उद्घाटन किया.
मुंबई में बढ़ते साइबर अपराधों पर नियंत्रण पाने और आम जनता को डिजिटल सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में मुंबई पुलिस को तीन अत्याधुनिक ‘निर्भया’ साइबर लैब की सौगात दी है. इन लैब्स का उद्घाटन डी.बी. मार्ग पुलिस स्टेशन परिसर, वर्ली और गोवंडी स्थित प्रादेशिक साइबर सेल परिसर में किया गया. इन लैब्स को आधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है ताकि साइबर अपराधों की जांच तेज और सटीक हो सके.
‘निर्भया’ लैब्स में कॉल डाटा रिकॉर्ड, इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (आईडीपीआर) लोकेशन ट्रैकिंग, इंटरनेट गतिविधियों की निगरानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. इनका इस्तेमाल कर किसी भी संदिग्ध नंबर या डिजिटल गतिविधि की तुरंत जांच की जा सकती है. कुछ ही मिनटों में अपराधी की लोकेशन, उसकी कॉल हिस्ट्री और इंटरनेट गतिविधियों की पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है, जिससे उसे पकड़ना आसान हो जाएगा.
यह लैब्स सिर्फ वर्तमान मामलों की नहीं, बल्कि पुराने और जटिल साइबर अपराधों की गुत्थी सुलझाने में भी अहम भूमिका निभाएंगी. यदि किसी अपराध में प्रयुक्त वाहन का नंबर धुंधला हो, तो उसकी तस्वीर को लैब के सिस्टम में डालते ही पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. इससे कई ऐसे केस सुलझ सकेंगे, जिनमें अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल पा रहा था.
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यह भी घोषणा की कि मुंबई पुलिस जल्द ही एक सोशल मीडिया मॉनिटरिंग लैब और एक डेटा एनालिटिक्स लैब भी शुरू करने जा रही है. सोशल मीडिया लैब सोशल प्लेटफॉर्म्स पर चल रही गतिविधियों की निगरानी करेगी, जबकि डेटा लैब विभिन्न अपराधों के डेटा का विश्लेषण कर अपराध के रुझानों को समझने और पुलिस की रणनीति को मजबूत करने में मदद करेगी.
साइबर अपराध की बात करे तो मुंबई में एक साल में 1300 करोड़ की ठगी होती है. साइबर ठग 2024 में मुंबईकरों से 1,300 करोड रुपये ठग चुके हैं. इसके लिए अलग-अलग तरीके अपनाए गए. साइबर ठगों के निशाने पर सबसे ज्यादा बुजुर्ग नागरिक रहे हैं.
मुंबईकरों से की गई 1300 करोड़ रुपये की ठगी
दुबई और कंबोडिया में बैठे साइबर ठग अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. 2024 में ठगों ने मुंबईकरों के 1,200 करोड रुपये ठगे थे, इसमें में सिर्फ 150 करोड़ रुपये ही रिकवर कर पाई पुलिस 2023 में 262 करोड़ रुपये की ठगी में 1.58 करोड रुपये ही रिकवर कर पाई. 2022 में 32.35 करोड़ रुपये की ठगी दर्ज की गई थी. तीन वर्षों में कुल मिलाकर 1500 करोड़ से अधिक की साइबर ठगी हो चुकी है.
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