‘बीजेपी के करीब हो रहे हैं!’ हारे हुए उम्मीदवारों ने राज ठाकरे से साफ कहा; मीटिंग की इनसाइड स्टोरी.
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राज ठाकरे ने राज्य भर में 138 उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन राज ठाकरे के बेटे समेत ये सभी उम्मीदवार हार गए.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली. एमएनएस के गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि उसका कोई भी विधायक विधानसभा में नहीं होगा. इस हार के बाद राज ठाकरे ने सिर्फ तीन शब्द पोस्ट किए, ‘अविश्वसनीय, अत्यावश्यक…’ इसके बाद राज ठाकरे ने हार के कारणों पर चर्चा के लिए हारे हुए विधायकों के साथ बैठक बुलाई थी. इस बैठक में यह जानकारी सामने आ रही है कि हारे हुए उम्मीदवारों ने यह राय रखी है कि भारतीय जनता पार्टी से नजदीकियां खतरनाक हो गई हैं.
अमित ठाकरे भी हारे
आज राज ठाकरे ने मुंबई स्थित अपने आवास पर बुलाई बैठक में हारे हुए उम्मीदवारों की बात सुनी. इस बैठक में हारे हुए उम्मीदवारों ने राज ठाकरे से ईवीएम को लेकर कुछ शिकायतें कीं. साथ ही हारे हुए उम्मीदवारों ने राज ठाकरे से कहा है कि बीजेपी से नजदीकी उनके लिए फायदेमंद नहीं है. राज ठाकरे ने मुंबई और उपनगरों से कुल 42 उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन कोई उम्मीदवार नहीं जीता. और तो और, राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे भी दादर-माहिम निर्वाचन क्षेत्र से हार गए और तीसरे स्थान पर रहे। पार्टी का एक भी विधायक नहीं चुना गया है.
तब सभाओं में भीड़ होने लगी थी…
इसी पृष्ठभूमि में राज ठाकरे ने आज एक अहम बैठक बुलाई. इस बैठक में राज ठाकरे ने मुंबई और आसपास के इलाकों के हारे हुए उम्मीदवारों को बुलाया था. इस बैठक में राज ठाकरे ने इस बात की जांच की कि आख़िर हार की वजह क्या रही. मनसे की सभाओं को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा था, सभाओं में भीड़ हो रही थी तो ये वोटों में क्यों नहीं तब्दील हुई? इस बैठक में इस पर चर्चा हुई. मनसे को उम्मीद थी कि कम से कम चार से पांच लोग निर्वाचित होंगे. हालाँकि, 138 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था और एक भी उम्मीदवार निर्वाचित नहीं हुआ था। इस बार बैठक में हारे हुए प्रत्याशियों द्वारा ईवीएम पर संदेह जताया गया.
राज ठाकरे ने कुछ नहीं कहा
उन्होंने बीजेपी के करीब रहकर लोकसभा चुनाव में बिना शर्त समर्थन दिया था. हालांकि, हारे हुए उम्मीदवारों ने राज ठाकरे से कहा कि बीजेपी के करीब रहना विधानसभा के लिए फायदेमंद नहीं है. इन सभी बातों को लेकर प्रत्याशियों ने नाराजगी जाहिर की है. इस बैठक में राज ठाकरे ने कोई मार्गदर्शन नहीं दिया. पराजित उम्मीदवार क्या महसूस करते हैं, यह तो वही जानते हैं। अब इसके बाद राज ठाकरे क्या कहेंगे, मीडिया से बातचीत करेंगे या नहीं, ये अभी तय नहीं है.
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