सबसे बड़ी खबर! शिवसेना को मिलेंगे ‘इतने’ मंत्रीपद? सीट बंटवारे को लेकर फड़णवीस-शिंदे नाराज हैं.
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देर रात मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच बैठक हुई। खबर है कि इस दौरान सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई.
महाराष्ट्र में एक बार फिर महायुति सरकार बन गई है. बीजेपी नेता देवेन्द्र फड़णवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है जबकि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. हालांकि राज्य में सरकार का गठन हो चुका है, लेकिन अभी तक कैबिनेट और विभागों के बंटवारे की घोषणा नहीं की गई है. शपथ ग्रहण के बाद भी महायुति के हिसाब-किताब के बंटवारे को लेकर आंदोलनों ने जोर पकड़ लिया है. रविवार रात वर्षा बंगले पर देवेंद्र फड़णवीस और एकनाथ शिंदे के बीच अहम बैठक हुई.
सूत्रों के मुताबिक, देर रात मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच बैठक हुई. कल रात की बैठक में कैबिनेट विस्तार और लेखा आवंटन पर चर्चा हुई. समझा जाता है कि दोनों नेताओं के बीच एक घंटे तक चर्चा हुई क्योंकि शीतकालीन सत्र से पहले फड़नवीस सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. खबर है कि इस बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि शिवसेना को कितने खाते मिलेंगे.
विश्वस्त सूत्रों ने जानकारी दी है कि वर्षा बंगले पर हुई बैठक में शिवसेना को 10 कैबिनेट मंत्री पद और 3 राज्य मंत्री पद को लेकर फैसला लिया गया है. साथ ही माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार और लेखा-जोखा के बंटवारे को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई है. जानकारी सामने आ रही है कि दोनों नेताओं के बीच एक घंटे तक बातचीत हुई.
NCP के कितने मंत्री?
कुछ दिन पहले एनसीपी के तीन वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई थी. सांसद प्रफुल्ल पटेल के आवास सीजे हाउस पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार, प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के बीच बैठक हुई. सूत्रों से पता चला है कि इस बैठक में 7 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री पद के चेहरे तय हो गए हैं.
कब होगा कैबिनेट विस्तार?
सूत्रों के मुताबिक 11 और 12 दिसंबर को कैबिनेट विस्तार की संभावना थी. हालांकि, मंत्रियों के नामों का चयन, तीनों नेताओं के बीच नामों पर चर्चा और फिर केंद्र से मंजूरी मिलने की प्रक्रिया में समय लगने की संभावना है. साथ ही आज विशेष सत्र का आखिरी दिन है. इसलिए एक दिन में यह सारी प्रक्रिया कठिन है। इसलिए कहा जा रहा है कि 11-12 दिसंबर को कैबिनेट विस्तार के संकेत क्षीण होते जा रहे हैं.
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