अमेरिकी टैरिफ पर बीजिंग का अब तक का सबसे बड़ा पलटवार, अब क्या करेंगे डोनाल्ड ट्रंप?
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रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही नए रेगुलटरी सिस्टम तैयार हो जाता है उसके बाद अमेरिकी मिलिट्री कॉन्ट्रैक्टर्स समेत कुछ निश्चित कंपनियों के पास सामानों की सप्लाई करने पर स्थाई रुप से रोक लग जाएगी.
ट्रंप के टैरिफ के बाद विश्व की दो आर्थिक धुरी अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक रिश्तों में खटास अब चरम पर पहुंच चुका है. बीजिंग ने वाशिंगटन के खिलाफ अब तक का सबसे कड़ा कदम उठाते हुए कई महत्वपूर्ण और जरूरी सामानों की सप्लाई को रोक दिया है, जिनमें- मैग्नेट्स, दुर्लभ पृथ्वी खनिज और मेटल्स शामिल है. चीन के इस कदम से पश्चिमी देशों को हथियारों में इस्तेमाल होने वाले सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन निर्माताओं, एयरोस्पेस निर्माताओं, सेमीकंडक्टर कंपनियों और उपभोक्ता वस्तुओं की सप्लाई बंद होने का खतरा पैदा हो गया है.
चीन की सरकार निर्यात के लिए एक नया रेगुलेटरी सिस्टम का मसौदा तैयार कर रही है. एक तरफ जहां पॉलिसी तैयार की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, मैग्नेट्स से लेकर कार और मिसाइल तक में इस्तेमाल की जाने वाली चीजों को कई चीनी बंदरगाहों पर रोक दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही नए रेगुलटरी सिस्टम तैयार हो जाता है उसके बाद अमेरिकी मिलिट्री कॉन्ट्रैक्टर्स समेत कुछ निश्चित कंपनियों के पास सामानों की आपूर्ति करने पर स्थाई रुप से रोक लग जाएगी.
चीन के सामानों पर अमेरिकी निर्भरता
बीजिंग की तरफ से निर्यात पर रोक लगाने का ये कदम अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से छेड़े गए ट्रेड वॉर का नतीजा है. चीन 17 तरह के करीब 90 प्रतिशत दुनिया के दुर्लभ पृथ्वी खनिज का उत्पादन करता है, जिसका इस्तेमाल रक्षा से लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल, एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में किया जाता है.
सात तरह से मीडियम और हैवी दुर्लभ पृथ्वी खनिजों में स्मारियम, गडिलिनियन, टर्बियम, डायसपोरियम, लुटेटियम, स्कैनडियम और यट्टिलिम संबंध चीजें हैं, जिसे एक्सपोर्ट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया गया है. अमेरिका के पास सिर्फ एक ही दुर्लभ पृथ्वी खनि है, जबकि इनमें से अधिकतर का वो चीन से ही आयात करता है.
अमेरिका की तरफ से लगाए गए 2 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में बीजिंग ने दुर्लभ पृथ्वी खनिज पर रोक का कदम उठाया था ताकि चीनी सामानों पर उस वक्त लगाए गए 54 प्रतिशत टैरिफ का जवाब दिया जा सके. निर्यात रोक में न सिर्फ खनिज धातुएं हैं बल्कि मैग्नेट्स और कई ऐसी चीजें हैं, जिसे अमेरिका को रिप्लेस करना आसान नहीं होगा.
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