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    February 11, 2025

    भारतीय विदेश सचिव के जाते ही बांग्लादेश सचिव जसीमुद्दीन ने उगली आग.

    1 min read
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    भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी के बांग्‍लादेश दौरे के बाद उनके समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन ने कहा कि भारतीय मीडिया बांग्‍लादेश को लेकर दुष्‍प्रचार कर रहा है. वहीं अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्‍मद युनूस ने भारत और बांग्‍लादेश के संबंधों को ठोस और घनिष्‍ट बताया.

    भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले की खेदजनक घटनाओं का मुद्दा विदेश सचिव स्तर की बैठक के दौरान सोमवार को उठाया. लेकिन ढाका ने इसे भ्रामक और गलत जानकारी करार देते हुए कहा कि किसी भी देश को उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. इससे उलट अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्‍मद यूनुस ने भारत और बांग्‍लादेश के संबंधों को ठोस और घनिष्‍ट बताया.

    हिंदुओं पर हमले खेदजनक
    भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन के साथ यह बैठक की. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपने समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन के साथ बैठक के दौरान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सहित भारत की चिंताओं से अवगत कराया. उन्होंने कहा, ”हमने सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों की कुछ खेदजनक घटनाओं पर भी चर्चा की. हम कुल मिलाकर, बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा इन सभी मुद्दों पर एक रचनात्मक दृष्टिकोण की उम्मीद करते हैं. हम संबंधों को सकारात्मक, दूरदर्शी और रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं.”

    हालांकि, सोमवार की वार्ता के बाद बांग्लादेश का बयान भारतीय मीडिया में दुष्प्रचार पर केंद्रित था. जशीमुद्दीन ने कहा कि बांग्लादेश को दोनों देशों के लोगों के बीच विश्वास कायम करने के लिए भारत में नकारात्मक अभियान रोकने में दिल्ली के सक्रिय सहयोग की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ”हमने उनका ध्यान आकर्षित किया और बांग्लादेश की जुलाई-अगस्त क्रांति और क्रांति के बाद यहां अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति कथित शत्रुतापूर्ण रवैये के बारे में भारतीय मीडिया में भ्रामक और गलत जानकारी के प्रसार के संबंध में उचित कदम उठाने की मांग की.”

    आंतरिक मामलों में हस्‍तक्षेप ना करें देश
    जशीमुद्दीन ने कहा कि ढाका ने दृढ़ता से कहा है कि बांग्लादेश में सभी धर्मों के अनुयायी स्वतंत्रता पूर्वक अपने धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ”साथ ही, हमने कहा कि किसी भी देश से हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की उम्मीद नहीं की जाती है और याद दिलाया कि बांग्लादेश अन्य देशों के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से परहेज करता है और उन्हें भी हमारे प्रति समान सम्मान दिखाना चाहिए.”

    दोनों देशों के संबंधों का करेंगे आंकलन
    प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के अगस्त में सत्ता से हटने के बाद भारत की ओर से यह पहला उच्च-स्तरीय दौरा है. मिसरी ने अवगत कराया कि नई दिल्ली की इच्छा ढाका के साथ सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंध बनाने की है. मिसरी ने विदेश सचिव मोहम्मद जशीमुद्दीन से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ”आज की चर्चाओं ने हम दोनों को अपने संबंधों का आकलन करने का मौका दिया है. मैं अपने सभी वार्ताकारों के साथ स्पष्ट, सरल और रचनात्मक विचारों के आदान-प्रदान के आज के अवसर की सराहना करता हूं. मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत बांग्लादेश के साथ सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंध चाहता है.”

    विदेश सचिव मिसरी ने कहा कि भारत को बांग्लादेश के अधिकारियों से इन सभी मुद्दों पर समग्र रचनात्मक दृष्टिकोण की उम्मीद है और वह रिश्ते को सकारात्मक और रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए तत्पर है. मिसरी ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम करने की भारत की इच्छा को रेखांकित किया. उन्होंने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से भी मुलाकात की. नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि इन बैठकों के दौरान मिसरी ने लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन पर प्रकाश डाला.

    यूनुस- हमारे संबंध ठोस और घनिष्‍ट
    बैठक के बाद सोमवार देर रात मुख्य सलाहकार की प्रेस शाखा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि यूनुस ने बांग्लादेश और भारत के बीच संबंधों को बहुत ठोस और घनिष्ठ बताया. मिसरी के साथ उनके आधिकारिक आवास पर 40 मिनट की बैठक के दौरान यूनुस ने कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत से की गई टिप्पणियों से बांग्लादेश में तनाव पैदा हो रहा है. मुख्य सलाहकार की प्रेस शाखा ने भारतीय विदेश सचिव से यूनुस द्वारा कही गई बातों के हवाले से कहा, ”हमारे लोग चिंतित हैं क्योंकि वह वहां से कई बयान दे रही हैं. इनसे तनाव पैदा होता है.”

    यूनुस ने मांगा द्विपक्षीय सहयोग
    यूनुस ने बाढ़ और जल प्रबंधन में घनिष्ठ द्विपक्षीय सहयोग का भी आह्वान किया तथा भारत से दक्षेस को पुनर्जीवित करने की उनकी पहल में शामिल होने का आग्रह किया. नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि यह पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग हमारे दोनों देशों के लोगों के हित में जारी नहीं रहे. उन्होंने कहा, ”इस साल अगस्त में बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव के बाद से निश्चित रूप से हमारे नेतृत्व के बीच संपर्क कायम हैं. प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) विश्व के पहले नेता थे, जिन्होंने मुख्य सलाहकार को उनके पद संभालने पर बधाई दी. उनके बीच टेलीफोन पर बहुत सौहार्दपूर्ण चर्चा हुई थी.”

    विदेश मंत्रालय ने कहा, ”दोनों पक्षों ने राजनीतिक और सुरक्षा मामलों, सीमा प्रबंधन, व्यापार, वाणिज्य और कनेक्टिविटी, जल, बिजली और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग, विकास सहयोग, राजनयिक, सांस्कृतिक और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध को शामिल करते हुए कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. उन्होंने उप-क्षेत्रीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और बिम्सटेक ढांचे के तहत क्षेत्रीय एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए परामर्श और सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. ”

    इसमें कहा गया है, ”विदेश सचिव की यात्रा से भारत और बांग्लादेश के बीच चिंताओं को दूर करने के साथ-साथ रिश्ते में महत्वपूर्ण मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय जुड़ाव को बनाए रखने में मदद मिलेगी.” जशीमुद्दीन ने कहा कि भारत के साथ सीमा पर ‘हत्या का एक भी मामला नहीं होना’ एक प्राथमिकता वाला मुद्दा था और भारतीय पक्ष से इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया गया. उन्होंने कहा कि ढाका को भारत के साथ सभी ‘अनसुलझे मुद्दों’ के समाधान की उम्मीद है.

    बुनियादी चीजों की आपूर्ति की मांग
    बांग्लादेश के बयान के अनुसार, वार्ता के दौरान साझा नदियों के मुद्दों को अतिरिक्त महत्व मिला जब बांग्लादेश ने तीस्ता जल-बंटवारा समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ-साथ गंगा जल संधि के नवीनीकरण पर जोर दिया. यह संधि 2026 में समाप्त हो जाएगी. जशीमुद्दीन ने कहा कि बांग्लादेश ने भारत से मौजूदा आयात शुल्क और गैर-आयात शुल्क संबंधी बाधाओं को हटाने का भी आग्रह किया है. उन्होंने कहा, ”हमने उनसे भारत से आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए अनुरोध किया.”

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