अनन्या की UPSC जर्नी: जानिए पहले अटेंप्ट में सक्सेस का राज!
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शुरुआत में अनन्या की कोई खास स्टडी प्लानिंग नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आती गई, उन्होंने अपने पढ़ाई के घंटे बढ़ा दिए.
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में सफलता आसानी से नहीं मिलती. भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक, सिविल सेवा परीक्षा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में भी शामिल है. UPSC परीक्षा में सफल होने के लिए दृढ़ता, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत की जरूरत होती है. हजारों छात्र UPSC सिविल सेवा परीक्षा देते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही इंटरव्यू के बाद फाइनल लिस्ट में जगह बनाते हैं. IAS अधिकारी डोनुरु अनन्या रेड्डी इसका एक उदाहरण हैं.
अनन्या रेड्डी ने अपना सपना कैसे पूरा किया?
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023 में, तेलंगाना के महबूबनगर की अनन्या रेड्डी ने पूरे भारत में तीसरा स्थान हासिल किया. इससे भी ज्यादा प्रभावशाली बात यह है कि उन्होंने दो साल की कड़ी मेहनत के बाद पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली.
दिल्ली के मिरांडा हाउस से ग्रेजुएट अनन्या रेड्डी ने भूगोल में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और अर्थशास्त्र में माइनर किया. अपनी पढ़ाई के आखिरी कुछ सालों के दौरान, वह दिल्ली चली गईं और UPSC की तैयारी पर फोकस करने के लिए किराए के आवास में रहीं. उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट एंथ्रोपोलॉजी था, और उन्होंने अन्य सब्जेक्ट के लिए स्वतंत्र रूप से पढ़ाई करते हुए उस क्षेत्र में कोचिंग लेने का ऑप्शन चुना. उन्होंने रोजाना 12 से 14 घंटे पढ़ाई की.
शुरुआत में अनन्या की कोई खास स्टडी प्लानिंग नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आती गई, उन्होंने अपने पढ़ाई के घंटे बढ़ा दिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सही कंटेंट का चयन करना और परीक्षा के फॉर्मेट को समझना उनकी सफलता के लिए जरूरी था. अपने स्ट्रेस को मैनेज करने और अपनी पढ़ाई को बैलेंस करने के लिए, अनन्या रेड्डी ने उपन्यास पढ़ना और क्रिकेट देखना शुरू किया. वह विराट कोहली को उनके वर्क एथिक और दृढ़ता के कारण अपना आदर्श मानती हैं.
एक स्थानीय समाचार चैनल के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “विराट कोहली, वह मेरे पसंदीदा खिलाड़ी हैं और मुझे लगता है कि उनमें एक प्रेरणा और कभी हार न मानने का रवैया है.” उन्होंने आगे कहा, “विराट कोहली से अनुशासन और उनका काम एक बड़ी सीख है, इसलिए वह इंस्पीरेशनल हैं.”
अनन्या रेड्डी ने अपने माता-पिता, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिली मदद को स्वीकार किया और अपनी जर्नी के दौरान उनके मोटिवेशन के लिए आभार व्यक्त किया. IAS अधिकारी अपनी सफलता को एक कर्तव्य के रूप में देखती हैं और सुलभ प्रशासन बनाए रखते हुए दूसरों को कुशल सेवा प्रदान करने का प्रयास करती हैं.
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