पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान हाई कमीशन से लौटे 22 भारतीय डिप्लोमैट, तनाव के बीच बड़ा फैसला।
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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के 22 अधिकारी वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लौट आए.
पाकिस्तान और भारत के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ने के साथ ही इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के 22 सदस्य वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लौट आए. इसमें तीन राजनयिक शामिल हैं. सूत्रों ने बुधवार (30 अप्रैल) को इसकी पुष्टि की. दूसरे समूह में दो और राजनयिक, 11 कर्मचारी और दो अतिरिक्त परिवार के सदस्य शामिल थे, जो आज सुबह ही रवाना हो गए. यह कूटनीतिक गतिविधि सैन्य तनाव बढ़ने के बाद हुई है, जिसमें दोनों पक्ष आने वाले दिनों में संभावित कार्रवाई को लेकर चेतावनी दे रहे हैं.
सूत्रों का कहना है कि भारतीय उच्चायोग कम स्तर पर काम कर रहा है क्योंकि आगे तनाव बढ़ने की आशंका के बीच एहतियाती उपाय लागू किए जा रहे हैं. इससे पहले, दोनों देशों के आव्रजन अधिकारियों को मंगलवार (29 अप्रैल) को ही जाने दिया गया था. हालांकि, उन्हें सारी रात बॉर्डर पर ही गुजारनी पड़ी थी. भारत की तरफ से जिन पाकिस्तानी अधिकारियों को भेजा गया है, उसमें मोहम्मद शब्बीर, तारिक महमूद और मोहम्मद मुश्ताक खान है. दूसरी तरफ पाकिस्तान से भारत आने वाले अधिकारियों के नाम राहुल कुमार राकेश, विरुलकर विनोद जनार्दन, अशोक कुमार और प्रीतम सिंह किरार हैं.
क्यों बढ़ा भारत-पाक तनाव?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ , जिसमें 26 भारतीय नागरिकों की जान गई थी. भारत ने हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की भूमिका बताई है. इस फैसले के बाद देश की सरकार ने कई बड़े अहम फैसले लिए, जैसे की सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया. पाकिस्तानी अधिकारियों की संख्या घटा दी.राजनयिक स्तर पर दबाव बढ़ाया. दूसरी तरफ पाकिस्तान ने भी भारतीय एयरलाइंस के लिए हवाई क्षेत्र बंद कर दिया. भारत के कड़े रूख का असर पड़ोसी मुल्क पर दिखना भी शुरू हो गया है. उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि भारत कभी भी उन पर हमला कर सकता है.
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