भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर पड़ते अमेरिकी डॉलर के बीच रुपये ने दिखाया दम, 2 साल में सबसे मजबूत।
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भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद रुपये पिछले दो वर्षों में डॉलर के मुकाबले सबसे मजबूत हो गया. सुबह करीब 11 बजे 85.26 रुपये प्रति डॉलर पहुंच गया.
विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा और पूंजी प्रवाह जैसे मजबूत घरेलू बुनियादी कारकों के समर्थन से रुपया के मूल्य में वृद्धि हुई. विदेशी बैंकों की तरफ से सोमवार को अमेरिकी डॉलर की बिकवाली के चलते रुपये में जबरदस्त मजबूती देखी गई. भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद रुपये पिछले दो वर्षों में डॉलर के मुकाबले सबसे मजबूत हो गया. सुबह करीब 11 बजे 85.26 रुपये प्रति डॉलर पहुंच गया. पिछले कारोबारी सत्र में रुपये 85.45 पर बंद हुआ था.
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार वृद्धि रुपये को स्थिरता देती है. हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से रुपये पर दबाव पड़ सकता है क्योंकि इस तरह की भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं निवेशकों में डर पैदा करती है. इससे उभरते बाजारों से निकासी शुरू जो जाती है और रुपये जैसी स्थानीय मुद्राएं कमजोर होने लगती हैं.
रुपये में मजबूती
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 85.29 पर खुला, जो पिछले बंद भाव से 12 पैसे की बढ़त दर्शाता है. शुरुआती सौदों के बाद यह डॉलर के मुकाबले 85.42 के निचले स्तर पर आ गया. रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.41 पर बंद हुआ था. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 99.63 पर रहा.
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.22 प्रतिशत चढ़कर 67.02 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा. घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 426.00 अंक चढ़कर 79,638.53 अंक पर जबकि निफ्टी 144.55 अंक या 0.60 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,183.90 अंक पर रहा.
शेयर बाजार में उछाल
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को लिवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 2,952.33 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को बताया था कि 18 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.31 अरब डॉलर बढ़कर 686.145 अरब डॉलर हो गया.
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