भारत-पाकिस्तान टेंशन और स्टॉक मार्केट की हलचल…जानिए इस वक्त कहां निवेश करना होगा बेस्ट।
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निवेश से पहले एक बात समझना बहुत जरूरी है. सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स सुनने में तो बेहद आकर्षक लगते हैं, लेकिन इनमें रिस्क भी काफी ज्यादा होता है.
अगर आप इस वक्त शेयर बाजार में पैसा लगाने का सोच रहे हैं, तो आपके लिए एक शानदार मौका है. पिछले कुछ महीनों की गिरावट के बाद अब बाजार में हल्की-फुल्की रिकवरी दिखाई दे रही है और इसी के साथ कुछ म्यूचुअल फंड्स ने शानदार रिटर्न भी दिया है.
खासतौर पर बैंकिंग, कंजंप्शन और ESG जैसे सेक्टोरल/थीमैटिक फंड्स ने दमदार प्रदर्शन किया है. इन फंड्स ने पिछले एक महीने में 5.07 फीसदी, 4 फीसदी और 2.41 फीसदी तक की औसत बढ़त दर्ज की है. इसके अलावा मिडकैप और लार्ज एंड मिडकैप कैटेगरी के फंड्स ने भी 2 फीसदी से ज्यादा का अच्छा रिटर्न दिया है.
बैंकिंग सेक्टर्स में ये फंड्स आगे
अगर बात टॉप फंड्स की करें, तो बैंकिंग सेक्टर में सबसे आगे रहा Sundaram Financial Services Opportunities Fund, जिसने 6.48 फीसदी का रिटर्न दिया. इसके बाद HDFC Banking & Financial Services Fund ने 6.29 फीसदी और Tata Banking and Financial Services Fund ने 6.16 फीसदी का रिटर्न दिया. कंजंप्शन फंड्स में Nippon India Consumption Fund ने 6.25 फीसदी, Tata India Consumer Fund ने 5.22 फीसदी और Sundaram Consumption Fund ने 5.16 फीसदी रिटर्न कमाया.
ESG थीमैटिक फंड्स में Quant ESG Equity Fund ने 3.87 फीसदी का, ICICI Prudential ESG Exclusionary Strategy Fund ने 2.85 फीसदी और WhiteOak Capital ESG Best-In-Class Strategy Fund ने 2.71 फीसदी का रिटर्न दिया. वहीं, मिडकैप कैटेगरी में Taurus Mid Cap Fund ने 2.82 फीसदी और लार्ज एंड मिडकैप कैटेगरी में Invesco India Large & Mid Cap Fund ने 3.56 फीसदी का रिटर्न दिया.
सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स में रिस्क भी होता है
निवेश से पहले एक बात समझना बहुत जरूरी है. सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स सुनने में तो बेहद आकर्षक लगते हैं, लेकिन इनमें रिस्क भी काफी ज्यादा होता है. सेक्टोरल फंड्स सिर्फ एक सेक्टर में निवेश करते हैं, जैसे बैंकिंग या IT, तो अगर वह सेक्टर अच्छा चलता है तो बढ़िया मुनाफा मिलता है, लेकिन अगर गिरावट आती है तो नुकसान भी उतना ही तेज होता है. थीमैटिक फंड्स थोड़े व्यापक होते हैं और किसी खास थीम पर आधारित होते हैं, जैसे ESG, जिसमें अलग-अलग सेक्टरों की कंपनियां शामिल हो सकती हैं.
इन फंड्स का सबसे बड़ा रिस्क ‘कंसंट्रेशन रिस्क’ होता है. यानी आपका पूरा पैसा कुछ गिने-चुने सेक्टर्स या थीम्स पर दांव लगाता है. अगर इनका प्रदर्शन बिगड़ा तो आपकी इनवेस्टमेंट भी बुरी तरह प्रभावित हो सकती है. इसलिए ये फंड्स हर निवेशक के लिए नहीं होते. ये उन लोगों के लिए ज्यादा सही हैं जो बाजार की अच्छी समझ रखते हैं, रिस्क उठाने का दम रखते हैं और लॉन्ग टर्म यानी कम से कम पांच साल या उससे ज्यादा के लिए निवेश कर सकते हैं.
निवेशकों को क्या करना चाहिए
अगर आप नए निवेशक हैं या किसी खास सेक्टर की गहराई से जानकारी नहीं रखते, तो बेहतर होगा कि पहले डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स या इंडेक्स फंड्स से निवेश की शुरुआत करें. सही जानकारी और धैर्य के साथ किया गया निवेश ही बाजार के उतार-चढ़ाव में आपके पैसे को सुरक्षित और बढ़ा सकता है.
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