3000 करोड़ की चोट, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने से पाकिस्तान को ये होंगे नुकसान।
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पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने अटार-वाघा सीमा बंद कर दी है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच इकलौता जमीनी बंदरगाह है, जिसके रास्ते दोनों देशों के बीच व्यापार होता है.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है. भारत और पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जलसंधि को निलंबित कर दिया है, सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने और 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने के भी आदेश जारी किए गए हैं. कई बड़े सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत अब पाकिस्तान को सामानों का निर्यात बंद करने की भी तैयारी में है. 2024 में पाकिस्तान के लिए भारत का एक्सपोर्ट पांच साल के हाई लेवल 1.21 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया था.
ये सामान भेजे जाते हैं भारत से पाकिस्तान
भारत से पाकिस्तान को कई तरह के फूड आइटम्स का निर्यात किया जाता है, जो रोजमर्रा की जिंदगी में काम आती हैं जैसे कि तरह-तरह की फल और सब्जियां. इनमें आलू से लेकर प्याज, लहसून तक शामिल हैं.
भारत से पाकिस्तान दालें, चने, बासमती चावल भी भेजे जाते हैं. इसके अलावा, कई तरह के मौसमी फल जैसे कि आम, केला भी पाकिस्तान भारत से इम्पोर्ट करता है.
भारत की चाय पूरी दुनिया में मशहूर है. असम और दार्जिलिंग की खूशबूदार चाय पत्तियां पाकिस्तान भी भेजी जाती हैं. इसके अलावा, भारत पाकिस्तान को अलग-अलग किस्म के मसाले जैसे कि मिर्च, हल्दी, जीरा भी भेजता है. इसी के साथ भारत से पाकिस्तान एक्सपोर्ट होने वाले दूसरे सामानों में ऑर्गेनिक केमिकल्स, फार्मास्यूटिकल्स, चीनी और कन्फेक्शनरी भी शामिल हैं.
पाकिस्तान से क्या आता है भारत?
पाकिस्तान से भारत आने वाली चीजों में सीमेंट, सेंधा नमक, मुल्तानी मिट्टी, कपास, लेदर, कुछ मेडिकल डिवाइस शामिल हैं. इसके अलावा, पेशावरी चप्पलों और लाहौरी कुर्ते भी पाकिस्तान से भारत मंगाए जाते हैं.
अटारी पाकिस्तान से इकलौता लैंड ट्रेड रूट
बता दें कि अमृतसर से सिर्फ 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अटारी भारत का पहला भूमि बंदरगाह (Land Port) है. अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए ही भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार होता है इसलिए 120 एकड़ में फैला और सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग-1 से जुड़ा यह चेक पॉइंट व्यापार, खास तौर पर अफगानिस्तान से आयात में अहम भूमिका निभाता रहा है.
अटारी-वाघा कॉरिडोर पर पिछले कुछ सालों में व्यापार कई उतार-चढ़ाव में से होकर गुजरा. 2017-18 और 2018-19 में जहां लगभग 4100-4300 करोड़ रुपये के बीच व्यापार हुआ. वहीं, 2019-20 में यह घटकर 2772 करोड़ और 2020-21 में 2639 करोड़ रुपये पर आ गया.
2022-23 में व्यापार में और गिरावट आई और यह महज 2257.55 करोड़ रुपये रह गया. हालांकि, 2023-24 में लंबी छलांग लगाते हुए दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़कर 3886 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. 2023-24 में इस रास्ते 6,871 ट्रकों की आवाजाही हुई और यात्रियों की आवाजाही 71,563 दर्ज की गई.
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