लगातार छठे दिन शेयर बाजार में तेजी, 350 अंक उछला सेंसेक्स, निफ्टी भी 24000 के पार।
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मंगलवार को शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन कुछ देर बाद इनमें गजब का उछाल आया.
भारतीय इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 में मंगलवार सुबह उतार-चढ़ाव भरा कारोबार देखने को मिला. सुबह 9:21 बजे बीएसई सेंसेक्स 89 अंक या 0.11 परसेंट की गिरावट के साथ 79,319.57 पर कारोबार कर रहा था. जबकि निफ्टी 50 19 अंक या 0.077 परसेंट की गिरावट के साथ 24,107.05 पर था.
हालांकि, कुछ ही देर बाद इसमें गजब का उछाल आया. बीएसई सेंसेक्स ने 79,800 के आंकड़े को पार कर लिया, जबकि निफ्टी 50 24,200 से ऊपर था. सुबह 11:14 बजे बीएसई सेंसेक्स 351 अंक या 0.44 परसेंट की बढ़त के साथ 79,759.86 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी-50 भी 102 अंक या 0.42 परसेंट की तेजी के साथ 24,227.95 के लेवल पर रहा.
सोमवार को लगातार पांचवे दिन शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली, जिसका प्रमुख कारण शेयरों की जोरदार खरीदारी और विदेशी निवेशकों का लगातार निवेश रहा. मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि चौथी तिमाही में शानदार नतीजे, डॉलर के मुकाबले रुपये के मजबूत होने, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में आई तेजी के चलते बाजार में अभी यह तेजी बनी रह सकती है.
सोमवार को इस वजह से बाजार रहा गुलजार
पिछले हफ्ते शेयर मार्केट में आई इस तेजी की अगुवाई बैंकिंग शेयरों ने की. एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक की शानदार तिमाही प्रदर्शन और रेपो रेट में कटौती के बाद बेहतर मार्जिन की उम्मीदों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की खरीदारी ने भी बाजार को सहारा दिया है.
ट्रंप-पावेल तनाव का अमेरिकी मार्केट पर असर
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, ”आमतौर पर मदर मार्केट के नाम से जाने जाने वाले अमेरिकी बाजार का दूसरे बाजारों के साथ बेहतर तालमेल होता है. लेकिन इस असामान्य परिस्थिति में तालमेल बिठाने की कोई जरूरत नहीं है. ट्रंप और पावेल के बीच तनाव से फेड रिजर्व की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है, इस खबर के बाद कल अमेरिकी बाजार में हलचल मच गई.”
वह आगे कहते हैं, ”पावेल ने साफ कह दिया है कि वह टैरिफ पर अमेरिकी अर्थव्यवस्था के असर को देखने के बाद ही ब्याज दरों में कटौती करने के बारे में सोचेंगे.” पावेल का मानना है कि ट्रंप ने टैरिफ को असामान्य रूप से बढ़ा दिया है इससे महंगाई बढ़ने, बेराजगारी और आर्थिक वृद्धि धीमी होने की आशंका है.
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