महंगी प्याज से मिलेगा छुटकारा, बढ़ती कीमत को रोकने के लिए क्या है सरकार का प्लान?
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सरकारी बयान में कहा गया, सरकार ने फेस्टिव सीजन और मंडियों के बंद होने के कारण पिछले 2-3 दिनों में कुछ बाजारों में प्याज की आपूर्ति में अस्थायी बाधा को दूर करने के लिए प्याज सप्लाई बढ़ाने का फैसला किया है.
प्याज की कीमत फिर से आसमान पर पहुंच रही हैं. इस बीच सरकार की कोशिश प्याज के रेट को नियंत्रण में रखने की है. इसके लिए पिछले दिनों सरकार ने बफर स्टॉक से ओपन मार्केट में प्याज की सप्लाई की ताकि रेट पर लगाम लगाई जा सके. इसके अलावा सरकार ने एनसीसीएफ (NCCF) और नाफेड (NAFED) के जरिये भी सस्ती दर पर प्याज की बिक्री की, ताकि प्याज की बढ़ती कीमत को रोका जा सके. अब सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह प्याज की कीमतों पर कड़ी नजर रख रही है और अस्थायी आपूर्ति बाधाओं के बीच कीमतों को स्थिर करने के लिए रिटेल मार्केट में बफर स्टॉक से अधिक मात्रा में प्याज उतारेगी.
राजधानी में प्याज का खुदरा रेट 67 रुपये किलो
सरकारी आंकड़ों के अनुसार राजधानी में प्याज का खुदरा रेट 67 रुपये किलो है, जबकि इसका अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 58 रुपये प्रति किलो है. एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘सरकार ने फेस्टिव सीजन और मंडियों के बंद होने के कारण पिछले 2-3 दिनों में कुछ बाजारों में प्याज की आपूर्ति में अस्थायी बाधा को दूर करने के लिए प्याज सप्लाई बढ़ाने का फैसला किया है.’ सहकारी संस्था नाफेड ने इस हफ्ते दिल्ली-एनसीआर के लिए दो रैक और गुवाहाटी के लिए एक रैक मंगवाया है. इसी तरह, बाजार में प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सड़क परिवहन के जरिये खेपों को भी बढ़ाया जाएगा.
कीमत स्थिर करने के लिए उचित कदम उठा रही सरकार
सरकार ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली आदि की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोनीपत के कोल्ड स्टोरेज में रखी गई प्याज को उतारने का भी फैसला किया है. बयान में कहा गया, ‘सरकार बाजार के घटनाक्रमों से वाकिफ है और प्याज की कीमत को स्थिर करने के लिए उचित कदम उठा रही है.’ इस बीच, सरकार ने कहा कि मंडियों में कीमतों में गिरावट के साथ टमाटर की खुदरा कीमतें नीचे आ रही हैं.
आजादपुर मंडी में, साप्ताहिक औसत कीमत 27 प्रतिशत घटकर 4,000 रुपये क्विंटल और पिंपलगांव (महाराष्ट्र) में साप्ताहिक औसत कीमत 35 प्रतिशत घटकर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है. मदनपल्ले (आंध्र प्रदेश) में, कुल साप्ताहिक आवक में 20 प्रतिशत के इजाफे के बीच साप्ताहिक औसत कीमत 26 प्रतिशत घटकर 2,860 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है. कोलार (कर्नाटक) में साप्ताहिक औसत कीमत 27 प्रतिशत घटकर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है. आलू की औसत खुदरा कीमतें पिछले तीन महीने से करीब 37 रुपये किलो पर रुकी हुई है.
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