‘आपने इतने साल शासन किया लेकिन..’ प्रश्नकाल में अचानक ओम बिरला कांग्रेस सांसदों पर क्यों भड़क गए?
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लोकसभा अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि प्रश्नकाल के दौरान सरकार की जवाबदेही तय होती है और यह सबसे महत्वपूर्ण समय होता है. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे हंगामा करके अन्य सदस्यों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को सदन में नारेबाजी कर रहे कांग्रेस सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने देश में लंबे समय तक शासन किया है और अब वे नियोजित तरीके से हंगामा करके सदस्यों के अधिकार छीनना चाहते हैं. यह टिप्पणी तब आई जब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अडानी समूह से जुड़ी एक खबर को लेकर विरोध कर रहे थे.
सांसद नारेबाजी करने लगे..
असल में प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सांसद नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई. इस पर बिरला ने अपील करते हुए कहा कि प्रश्नकाल के दौरान व्यवधान डालना अच्छी परंपरा नहीं है. उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि आपने इतने साल शासन किया है, लेकिन अब आप सदन में व्यवधान पैदा कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने दोपहर 12 बजे इस मुद्दे को उठाने की अनुमति दी थी, लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं चाहता.
विपक्ष पर आरोप लगाया
लोकसभा अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि प्रश्नकाल के दौरान सरकार की जवाबदेही तय होती है और यह सबसे महत्वपूर्ण समय होता है. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे हंगामा करके अन्य सदस्यों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं. लेकिन जब हंगामा नहीं थमा, तो उन्होंने सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11:05 बजे दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी.
राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता?
विपक्षी सांसद जिस खबर को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे उसमें दावा किया गया है कि सरकार ने गुजरात में अडानी समूह के नवीकरणीय ऊर्जा पार्क के लिए पाकिस्तान सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल में ढील दी है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इस कारोबारी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर रही है. हालांकि अडानी समूह की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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