पृथ्वी का नया चांद देखा आपने, 3700 ईस्वी तक लगाएगा धरती के चक्कर |
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यह एफडब्ल्यू13 चांद पृथ्वी के बजाय सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बंधा है और यह पृथ्वी के साथ-साथ सूर्य की भी परिक्रमा करता है, इसलिए इसे क्वासी यानी अर्ध चंद्रमा कहा जाता है |
बात जैसे ही स्पेस की आती है लोगों में उत्साह बढ़ जाता है | दरअसल, स्पेस के बारे में लोगों को जानकारी कम है, ऐसे में जब स्पेस से जुड़ी कोई खबर आती है तो लोग इसके बारे में सब जानना चाहते हैं | तो चलिए आपको बताते हैं एक ऐसी ही दिलचस्प खबर के बारे में जो चांद से जुड़ी हुई है | दरअसल, नए शोध में पृथ्वी को एक नया चांद मिल गया है | यह एक अर्ध चन्द्रमा है, जिसे स्पेस रॉक कहा जा रहा है | कहा जा रहा है कि यह पृथ्वी और सूर्य दोनों की परिक्रमा करता है | हालांकि, ये सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बंधा है और इसे सूर्य हर समय अपनी ओर खींचता है |
अगले 1500 साल तक रहेगा मौजूद
वैज्ञानिकों का कहना है कि ये चांद आने वाले 1500 वर्षों तक पृथ्वी के चक्कर लगता रहेगा | यानी लगभग 3700 ईस्वी तक | अब सवाल उठता है कि इसके बाद क्या होगा | वैज्ञानिकों का इस सवाल पर कहना है कि इसके बाद यह चांद पृथ्वी की कक्षा छोड़ देगा और फिर इससे धरती को कोई खतरा नहीं होगा | इस चांद की खोज एस्ट्रोनॉमर्स ने हवाई में पैन-स्टारआरएस टेलीस्कोप की मदद से की है | इसका नाम रखा गया है 2023 एफडब्ल्यू13 | वैज्ञानिकों के अनुसार, यह पृथ्वी के आस पास 2100 वर्षों से मौजूद है | वैज्ञानिकों का कहना है कि यह चांद सूर्य के चारों ओर घूमने में भी उतना ही समय लेता है, जितना की पृथ्वी के यानि 365 दिन |
इसे एक अर्ध चंद्रमा क्यों कहा जा रहा है |
चांद तो चांद होता है, लेकिन वैज्ञानिक इसे अर्ध चंद्रमा क्यों कह रहे हैं | दरअसल, इसके पीछे एक वजह है | यह एफडब्ल्यू13 चांद पृथ्वी के बजाय सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बंधा है और यह पृथ्वी के साथ-साथ सूर्य की भी परिक्रमा करता है, इसलिए इसे क्वासी यानी अर्ध चंद्रमा कहा जाता है | वहीं हमारा जो चांद है ये पूरी तरह से पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बंधा है इसलिए इसे पूर्ण चंद्रमा कहा जाता है |
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