World Heart Day 2023: क्या ECG टेस्ट के जरिए हार्ट अटैक का पता लगाया सकता है।
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जब किसी भी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है , तो डॉक्टर सबसे पहले मरीज से उसके लक्षणों के बारे में बात करता है फिर कुछ जरूरी टेस्ट करता है ताकि पता लगाया जा सके कि आखिर माजरा क्या है , आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल का दौरा पड़ने पर सबसे शुरुआती टेस्ट इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी या ईकेजी) की जाती है , अब सवाल यह उठता है क्या ईसीजी वाकई में दिल का दौरा का पता लगा सकता है।
ईसीजी एक नॉन इंवेसिव टेस्ट है जो आपके हृदय की गति को मापती है , इसमें आपकी छाती, बांहों और पैरों पर इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं, जिन्हें बाद में एक मशीन से जोड़ा जाता है जो आपके हृदय की धड़कन को रिकॉर्ड करती है , ईसीजी ट्रेसिंग में दिल की धड़कन, हार्ट बीट, और फंक्शन ठीक से कर रहा है कि यह सभी जानकारी ईसीजी से मिल जाती है , कई डॉक्टर्स या हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि जो हाई बीपी के मरीज है उन्हें ईसीजी जरूर करवाना चाहिए , लेकिन यह जरूरी नहीं है कि टेस्ट कराने से आप इस बीमारी से बच सकते हैं।
हार्ट एक तरह का ब्लड पंप है , अगर इसमें किसी भी तरह का ब्लॉकेज आएगा तो यह हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
ईसीजी महंगा टेस्ट नहीं है यह कोई भी नॉर्मल आदमी करवा सकता है , किसी भी व्यक्ति को लग रहा है कि उसकी हार्ट बीट कभी तेज तो कभी स्लो हो रही है तो वह ईसीजी करवा सकते हैं।
हर इंसान को समय-समय पर यह टेस्ट करवाना चाहिए , अगर किसी व्यक्ति को सांस से संबंधित परेशानी है तो वह ईसीजी करवा सकते हैं , किसी व्यक्ति को सीने में दर्द, घबराहट, पसीना निकलना, दिल की धड़कन तेज होने की स्थिति में ईसीजी करवाना चाहिए।
चाहिए।
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