10 रुपये रोजना पर किया काम, भूखे सोए; आठवें अटेंप्ट में UPSC क्रैक करके बने IAS.
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अपने आठवें अटेंप्ट में, उन्होंने 2022 में आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया.
हर साल, हजारो कैंडिडेट्स भारत की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा में हिस्सा लेते हैं. फिर भी, केवल कुछ ही लोग इसमें जगह बना पाते हैं और मुट्ठी भर ही IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा कर पाते हैं. इन विजयी उम्मीदवारों में से प्रत्येक ने अपने हिस्से की कठिनाइयों का सामना किया है, लेकिन राम भजन कुम्हारा की जर्नी कड़ी मेहनत की स्थायी शक्ति का प्रमाण है, जो गहरी भावनाओं को जगाने और इस सिद्धांत में हमारे विश्वास को मजबूत करने में सक्षम है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से जीत मिलती है.
हर साल, हजारो कैंडिडेट्स भारत की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा में हिस्सा लेते हैं. फिर भी, केवल कुछ ही लोग इसमें जगह बना पाते हैं और मुट्ठी भर ही IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा कर पाते हैं. इन विजयी उम्मीदवारों में से प्रत्येक ने अपने हिस्से की कठिनाइयों का सामना किया है, लेकिन राम भजन कुम्हारा की जर्नी कड़ी मेहनत की स्थायी शक्ति का प्रमाण है, जो गहरी भावनाओं को जगाने और इस सिद्धांत में हमारे विश्वास को मजबूत करने में सक्षम है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से जीत मिलती है.
राजस्थान के बापी नाम के गांव से ताल्लुक रखने वाले राम भजन कुम्हारा और उनकी मां ने बिना किसी उचित आश्रय के जीवन बिताया. अपनी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद, राम भजन ने बाधाओं को पार करते हुए यूपीएससी परीक्षा में 667वीं रैंक हासिल की.
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