सिविल सर्वेंट क्या होता है ये न जानते हुए भी चुन लिया करियर ऑप्शन, IAS ऑफिसर को देख योगेश पर हुआ ऐसा असर.
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यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम क्रैक करना आसान नहीं है, लेकिन कुछ लोग इस परीक्षा को दो-दो बार पास कर लेते हैं. यहां जानिए एक ऐसे ही शख्स की कहानी, जो पहले IPS बने और फिर IAS ऑफिसर…
लाखों लोग हर साल यूपीएससी (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन कुछ ही लोगों को इस परीक्षा में सफलता हाथ लगती है. हालांकि, दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में एक बार में ही कामयाबी पाना सबके बस की बात नहीं होती, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दो-दो बार इस परीक्षा को क्रैक कर लते हैं. एक ऐसे ही शख्स के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिन्होंने पहले यूपीएससी पास कर पहले आईपीएस कैडर पाया और फिर IAS ऑफिसर बन गए…
जिद, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की मिसाल
हम बात कर रहे हैं आईएएस योगेश अशोकराव पाटिल (IAS Yogesh Ashokrao Patil) के बार में. योगेश महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले हैं. वह हमेशा से एक तेज-तर्रार स्टूडेंट रहे हैं. उन्होंने 10वीं में 96.7 प्रतिशत और 12वीं में 94.8 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए थे. उनके पिता प्राइमरी स्कूल में टीचर और मां गृहिणी हैं. उन्होंने 2017 में पुणे यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की. इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला लिया और अपनी तैयारी शुरू कर दी.
ऐसे चुना ये करियर ऑप्शन
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू के दौरान योगेश ने कहा था कि सिविल सर्विस जॉइन करना ही उनकी मेरा अंतिम लक्ष्य था. ऐसे में उन्होंने इसके अलावा किसी और चीज के बारे में कुछ सोचा ही नहीं. इसके अलावा इस करियर ऑप्शनको चुनने के पीछे एक और बड़ी वजह है. योगेश ने डॉ. श्रीकर परदेशी (आईएएस, महाराष्ट्र कैडर) से मिलने, उनके द्वारा किए गए बेहतरीन कार्यों और लोगों के जीवन में लाए गए बदलावों से प्रभावित होकर सिविल सेवक बनने का सपना देखा. एक आईएएस की पावर का योगेश पर ऐसा गहरा असर हुआ कि आईएएस का पद क्या होता है, इस बारे में कुछ न जानते हुए भी उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें आईएएस अधिकारी ही बनना है.
IAS ऑफिसर बनने का सपना किया पूरा
साल 2018 में ही उन्होंने अपने फर्स्ट अटैम्प्ट में ही यूपीएससी का एग्जाम क्रैक कर लिया. 231वीं रैंक के साथ योगेश को IPS कैडर मिला, लेकिन उनका सपना तो IAS ऑफिसर बनने का था. उन्होंने दोबारा एग्जाम देने का फैसला लिया और 2019 में ऑल इंडिया रैंक 63 के साथ यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाई. योगेश कहते हैं कि यूपीएससी में सफलता सिर्फ इंग्लिश मीडियम या धाराप्रवाह इंग्लिश बोलने वालों को ही नहीं मिलती, बल्कि मेहनत करने वालों को मिलती है. योगेश ने खुद शुरुआती स्कूली शिक्षा मराठी मीडियम से पूरी की है. इस समय वह पश्चिम बंगाल सरकार के होम एंड हिल्स अफेयर्स डिपार्टमेंट में स्पेशल ऑफिसर ऑन ड्यूटी (OSD) के तौर पर काम कर रहे हैं.
सफलता के मंत्र
सबसे पहले गोल सेट करें और अपनी प्राथमिकताएं तय करें.
लक्ष्य निर्धारित है तो इसके बारे में 100 प्रतिशत सुनिश्चित रहें.
आत्म-मूल्यांकन (Self-Assessment) को अपना मुख्य उद्देश्य बनाएं.
अपनी क्षमताओं के बारे में जाने, इससे आपको अपने प्लान बनाने में मदद मिलेगी.
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