क्या न्यू इंडिया बैंक घोटाले का सच सामने आएगा? गोरेगांव शाखा की कोषाध्यक्ष प्रभादेवी…
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आर्थिक अपराध शाखा न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी की जांच कर रही है।
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के गबन मामले के सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है। पुलिस अब प्रभादेवी और गोरेगांव स्थित बैंक की तिजोरियों की जांच करेगी।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच दल यह जांच करेगा कि यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के सेफ डिपॉजिट बॉक्स में इतनी बड़ी मात्रा में धन रखने की क्षमता है या नहीं। आर्थिक अपराध शाखा की जांच टीम ने 122 करोड़ रुपये के बैंक गबन मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें बैंक के महाप्रबंधक और अकाउंटेंट के साथ-साथ इस घोटाले का मुख्य मास्टरमाइंड हितेश मेहता और कंस्ट्रक्शन कारोबारी धर्मेश पौन भी शामिल हैं। इस अपराध का तीसरा आरोपी और सोलर पैनल व्यवसायी अरुणचिल्लम उर्फ अरुणभाई फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। इस बीच, पुलिस ने इस मामले में पूर्व बैंक अधिकारी अभिमन्यु बोमन और सीए अभिजीत देशमुख से पूछताछ शुरू कर दी है।
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच कर रही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) को पत्र लिखकर पूछेगी कि क्या बैंक लेखा परीक्षकों को ऑडिट के दौरान बैंक लॉकरों में नकदी का भौतिक निरीक्षण करने का अधिकार है। न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच कर रही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) इस बात की जांच कर रही है कि बैंक के आंतरिक लेखा परीक्षकों, जो पिछले पांच वर्षों से बैंक का ऑडिट कर रहे हैं, को 122 करोड़ रुपये की गायब नकदी का पता क्यों नहीं चला। गुरुवार को पुलिस ने अभिजीत देशमुख का बयान दर्ज किया, जिन्होंने 2019 से 2021 के बीच बैंक खातों का ऑडिट किया था।
न्यू इंडिया बैंक को ‘ए’ ग्रेड देने वाले सीए से भी पूछताछ
न्यू इंडिया को-ऑप. बैंक को दो वित्तीय वर्षों में ऑडिट के लिए ‘ए’ ग्रेड देने वाले सीए अभिजीत देशमुख गुरुवार को पूछताछ के लिए पेश हुए। इस बात की जांच की गई कि किस आधार पर उन्होंने बैंक को ‘ए’ ग्रेड की ऑडिट रिपोर्ट दी। संजय राणे एंड एसोसिएट्स के देशमुख ने दो वित्तीय वर्षों, 2019 से 2021 के लिए न्यू इंडिया बैंक का ऑडिट किया था। बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता ने 2019 से धोखाधड़ी शुरू कर दी थी। इसलिए संदेह के घेरे में आए देशमुख से पूछताछ की गई है और उनका बयान दर्ज किया गया है। अन्य लेखा परीक्षकों को भी बुलाया जाएगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच जारी है। पूर्व सीएओ अभिमन्यु भोयान से भी लगातार दूसरे दिन पूछताछ की गई है और उनका बयान दर्ज किया गया है।
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