क्या iPhone की कीमत 2 लाख होगी? अमेरिका के व्यापार कर से एप्पल प्रेमियों की जेब पर असर!
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यह दावा किया जा रहा है कि यदि एप्पल अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापार शुल्क का अतिरिक्त भार अपने ग्राहकों पर डालने का निर्णय लेता है तो आईफोन 30 से 40 प्रतिशत अधिक महंगे हो जाएंगे।
यदि आप आईफोन खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको एक पाउंड अतिरिक्त खर्च करना पड़ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा आयात शुल्क लगाए जाने के कारण आईफोन की कीमतें बढ़ने की संभावना है। रॉयटर्स ने इस पर रिपोर्ट दी है।
यह दावा किया जा रहा है कि यदि एप्पल अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापार शुल्क का अतिरिक्त भार अपने ग्राहकों पर डालने का निर्णय लेता है तो आईफोन 30 से 40 प्रतिशत अधिक महंगे हो जाएंगे। एप्पल के आईफ़ोन मुख्य रूप से चीन में निर्मित होते हैं। व्यापार शुल्क से चीन को भारी नुकसान हुआ है। टैरिफ के प्रभाव के कारण एप्पल मुश्किल में पड़ सकता है। इस आयात शुल्क का भुगतान कंपनी स्वयं करेगी या इसका बोझ ग्राहक पर डाला जाएगा।
iPhone 16 की कीमत में 43 फीसदी की बढ़ोतरी होगी
सबसे चर्चित आईफोन 16 मॉडल, जिसकी कीमत अभी 68,000 रुपये से अधिक है, अगर एप्पल कीमत में टैरिफ लागत जोड़ता है तो इसकी कीमत 97,000 रुपये तक हो सकती है। इसका मतलब है कि इस फोन की कीमत में करीब 43 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।
तो 16 प्रो मैक्स आईफोन दो लाख में मिलेगा।
iPhone 16 Pro Max मोबाइल निकट भविष्य में लॉन्च किया जाएगा। इस फोन में 6.9 इंच की स्क्रीन और 1 टेराबाइट स्टोरेज होगी। लेकिन अमेरिकी आयात शुल्क के कारण इस फोन की कीमत लगभग 2 लाख रुपये तक जा सकती है। इन आयात शुल्कों को लगाकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी व्यवसायों पर चीन के अलावा अन्य देशों से उत्पाद आयात करने का दबाव बढ़ा दिया है। हालाँकि एप्पल पहले भी विशेष छूट देकर मूल्य वृद्धि से बचने में कामयाब रहा है, लेकिन इस बार कोई छूट नहीं दी गई है।
प्रमुख बाजारों में आईफोन की बिक्री पहले से ही धीमी चल रही है, ऐसे में बढ़ी हुई कीमतों का अतिरिक्त वित्तीय दबाव एप्पल के लिए हालात को और भी बदतर बना सकता है। उपभोक्ता नवीनतम मॉडल खरीदने के लिए इसलिए उत्सुक नहीं हैं, क्योंकि एप्पल के आईफोन इंटेलिजेंस द्वारा उपलब्ध कराए गए नए कृत्रिम बुद्धिमत्ता फीचर्स कुछ लोगों के लिए पर्याप्त आकर्षक नहीं हैं।
एप्पल ग्राहकों के लिए आगे क्या है?
यदि एप्पल टैरिफ का पूरा बोझ उपभोक्ताओं पर डालने का निर्णय लेता है, तो आईफोन की बिक्री में भारी गिरावट आ सकती है, क्योंकि बढ़ी हुई कीमतें उपभोक्ताओं को सैमसंग जैसे अन्य विकल्पों की ओर जाने के लिए मजबूर कर सकती हैं। चूंकि सैमसंग के अधिकांश फोन गैर-चीनी देशों में निर्मित होते हैं, इसलिए उन्हें कम टैरिफ से लाभ मिलने की संभावना है।
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