इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले GST पर सरकार जल्द देगी राहत? लेकिन यह रहेगी शर्त!
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9 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है. सूत्रों का कहना है काउंसिल की तरफ से एक लिमिट तक के इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी से छूट दी जा सकती है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक महीने पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम को GST के दायरे से बाहर करने की गुजारिश की थी. इसके बाद ममता बनर्जी की तरफ से भी इस मांग को दोहराकर आम आदमी को राहत देने की मांग की गई थी. अब जब 9 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है तो इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी फ्री करने को लेकर चर्चा तेज हो गई है. उम्मीद की जा रही है कि बैठक के दौरान फिटमेंट कमेटी कम जीएसटी लिये जाने या प्रीमियम और सम इंश्योर्ड के हिसाब से एक लिमिट तक छूट का सुझाव दे सकती है.
रेवेन्यू पर होने वाले असर की डिटेल्ड रिपोर्ट सौंपी जाएगी
इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार फिटमेंट कमेटी लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर पूरी तरह जीएसटी छूट दिये जाने के फेवर में नहीं है. कमेटी की तरफ से जीएसटी काउंसिल की 9 सितंबर को होने वाली मीटिंग में जीएसटी में छूट देने से रेवेन्यू पर होने वाले असर को लेकर डिटेल्ड रिपोर्ट सौंपी जाएगी. रिपोर्ट में पूरी तरह जीएसटी छूट देने और कम छूट देने को लेकर रेवेन्यू पर होने वाले असर को अलग-अलग समझाया जाएगा.
इंडस्ट्री की मांग 5% का न्यूनतम टैक्स लगाया जाए
मौजूदा समय में इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगाया जाता है. विपक्षी दलों का कहना है कि यह बहुत ज्यादा है. वहीं इंडस्ट्री की मांग है कि इंश्योरेंस प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे से बाहर लाया जाए या फिर 5% का न्यूनतम टैक्स लगाया जाए. हालांकि इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी कम करने के मामले में कमेटी का मानना है कि इंश्योरेंस प्रीमियम या इंश्योर्ड राशि या दोनों पर ज्यादा से ज्यादा 50,000 रुपये तक की लिमिट होनी चाहिए. यह लोअर और मीडिल इनकम ग्रुप वाले लोगों के लिए कारगर साबित हो सकती है.
एक अधिकारी ने बताया कि जहां पर प्रीमियम बहुत ज्यादा है, वहां जीएसटी दर को कम किये जाने की जरूरत नहीं है. फिटमेंट पैनल ने किसी तरह के जीएसटी रेट को लेकर सिफारिश नहीं की है. इस मामले पर जीएसटी काउंसिल की तरफ से आगे चर्चा की जाएगी. समिति में केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारी शामिल हैं और काउंसिल को जीएसटी रेट से जुड़ा सुझाव देते हैं. गडकरी ने नागपुर मंडल जीवन बीमा निगम कर्मचारी संघ की तरफ से सौंपे गए ज्ञापन के आधार पर वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखी थी.
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