क्या दिल्ली के बाद बिहार भी जीतेगी भाजपा? एक नए सर्वे के अनुसार नीतीश कुमार के साथ गठबंधन पार्टी के लिए फायदेमंद है!
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राष्ट्र का मिजाज सर्वेक्षण के नतीजों में बिहार में एनडीए की जीत की भविष्यवाणी!
‘राष्ट्र का मूड’ शीर्षक से एक संयुक्त सर्वेक्षण किया गया है, जिसमें यह आकलन किया गया है कि यदि आज चुनाव हो जाएं तो देश कैसा दिखेगा। इस सर्वे के मुताबिक अगर ये चुनाव हुए तो एनडीए देशभर में 343 सीटें जीत सकता है, जबकि बीजेपी 282 सीटें जीत सकती है। वहीं, कांग्रेस को सिर्फ 78 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। इस पृष्ठभूमि में, जबकि सबकी निगाहें इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों पर टिकी हैं, इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों के आधार पर भविष्यवाणियां भी की गई हैं। इंडिया टुडे ने इस पर रिपोर्ट दी है।
‘मूड ऑफ द नेशन’ में क्या है?
इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों के आधार पर की गई भविष्यवाणियों के अनुसार, यदि बिहार में अभी विधानसभा चुनाव होते हैं, तो भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को भारी जीत मिल सकती है। प्रस्तुत निष्कर्षों के अनुसार, एनडीए बिहार में 40 में से 33 से 35 सीटें जीत सकता है। वहीं, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के महागठबंधन को बड़ा झटका लगने की आशंका है। इन निष्कर्षों से यह अनुमान लगाया गया है कि विपक्षी गठबंधन केवल 5 से 7 सीटें ही जीत पाएगा।
एनडीए का वोट शेयर भी बढ़ा।
इस बीच, एनडीए को मिलने वाले वोट प्रतिशत में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए का वोट शेयर बिहार में उसे मिले 47 प्रतिशत वोटों से बढ़कर 52 प्रतिशत होने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर सर्वे का अनुमान है कि महागठबंधन को मिलने वाले वोटों की संख्या भी 39 प्रतिशत से बढ़कर 42 प्रतिशत हो सकती है।
यह सर्वेक्षण 2 जनवरी से 9 फरवरी, 2025 के बीच आयोजित किया गया। इसमें देशभर के लोकसभा क्षेत्रों के 1 लाख 25 हजार 123 मतदाताओं ने भाग लिया।
एनडीए अगर एकजुट रहा तो उसे हराना मुश्किल होगा।
सी वोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने भविष्यवाणी की है कि अगर बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए में शामिल पार्टियां एकजुट रहीं तो एनडीए को हराना मुश्किल होगा। “बिहार एक ऐसा राज्य है जहां मतदान का रुझान पूरी तरह से सांख्यिकीय गणनाओं से प्रभावित होता है।” यहां दिल्ली की तरह वोटों का बंटवारा नहीं है। देशमुख ने कहा, “अगर नीतीश कुमार की जेडीयू, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी और भारतीय जनता पार्टी एक साथ रहती हैं, तो महागठबंधन के लिए एनडीए को चुनौती देना बेहद मुश्किल होगा।”
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