क्या बांग्लादेश 15 अगस्त को नहीं मनाएगा ‘राष्ट्रीय शोक दिवस’, विपक्षी दलों ने रख दी अंतरिम सरकार के सामने ये मांग।
1 min read|
|








पाकिस्तान की कई विपक्षी पार्टियां 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप मनाए जाने के खिलाफ हैं और उन्होंने ये मांग अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के सामने रख दी।
बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियों को तोड़ जाने के वीडियो खूब वायरल हुए थे. मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश का संस्थापक माना जाता रहा है. लेकिन लगता है कि आंदोलनकारी छात्रों और विपक्षी पार्टियों को उनकी यह पहचान स्वीकार नहीं. उनकी मूर्तियां गिराए जाने के बाद अब 15 अगस्त (मुजीब की पुण्यतिथि) को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की कई विपक्षी पार्टियां 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप मनाए जाने के खिलाफ हैं. बीएनपी और जमात सहित सात राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के साथ बैठक की. इस बैठक में भी 15 अगस्त का मुद्दा उठाया गया.
बैठक में उठा 15 अगस्त का मुद्दा
डेली स्टार के मुताबिक बैठक में मौजूद सूत्रों ने बताया कि सभी दलों ने कहा कि 15 अगस्त को शोक दिवस के रूप में नहीं मनाया जाना चाहिए और सार्वजनिक अवकाश की जरूरत नहीं है. हालांकि, इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया.
‘राष्ट्रीय शोक दिवस मनाना विद्रोह की भावना के खिलाफ’
15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप मनाए जाने का विरोध करने वाले दलों में आमार बांग्लादेश पार्टी (एबी) ने भी शामिल हैं. बैठक में तीन सदस्यीय टीम का नेतृत्व करने वाले एबी पार्टी के संयोजक एएफएम सोलेमान चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय शोक दिवस मनाना स्वतंत्रता की घोषणा और जुलाई के विद्रोह की भावना के खिलाफ है.
पार्टी के संयुक्त सदस्य सचिव असदुज्जमां फवाद ने द डेली स्टार को बताया, ‘वास्तव में, आज की बैठक में हमारे एजेंडे में केवल एक ही बात थी – क्या 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए.’
पार्टी ने तर्क दिया कि अब्राहम लिंकन या अमेरिका के संस्थापकों या ब्रिटेन में विंस्टन चर्चिल के लिए कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं मनाया जाता है.
बांग्लादेश में 15 अगस्त को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय शोक दिवस
बता दें बांग्लादेश में हर साल 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है. 1975 में इस दिन एक सैन्य तख्तापलट में बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और राष्ट्रीय मुक्ति संग्राम के नायक शेख मुजीब और उनके पूरे परिवार की हत्या कर दी गई. उनकी दो बेटियां हसीना और रेहाना विदेश में होने की वजह से बच गई थीं.
About The Author
|
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space












Recent Comments