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    April 28, 2025

    उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट के लिए शुल्क तीन गुना क्यों? हर्षवर्धन सपकाल द्वारा मुख्यमंत्री से पूछे गए प्रश्न।

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    यह उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट के लिए कोई शुल्क नहीं है, बल्कि जजिया कर है। वाहन मालिकों की लूट तुरन्त रोकी जानी चाहिए। हर्षवर्धन सपकाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की।

    भारतीय जनता पार्टी सरकार जनता को लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। जनता जहां पहले से ही महंगाई की मार झेल रही है, वहीं अब सरकार की नजर वाहन मालिकों की जेब पर है। वाहनों के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर भारी शुल्क वसूला जा रहा है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से कर कम करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में कर की दरें अन्य राज्यों की तुलना में दोगुनी से भी अधिक हैं और यह कर नहीं बल्कि ‘जजिया’ कर है।

    उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट के लिए शुल्क तीन गुना क्यों?
    कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि एक अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट अनिवार्य कर दी गई है। यद्यपि इस पहल के इरादे अच्छे प्रतीत होते हैं, लेकिन इसकी आड़ में राज्य में वाहन मालिकों को सचमुच लूटा जा रहा है। इस नंबर प्लेट के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिया जाने वाला शुल्क अन्य राज्यों में लिए जाने वाले शुल्क से दोगुना या तिगुना है। पड़ोसी राज्य गोवा में दोपहिया वाहन की कीमत 155 रुपये है, जबकि महाराष्ट्र में यही दर 450 रुपये है। तिपहिया वाहनों के लिए यह शुल्क गोवा में 155 रुपये और महाराष्ट्र में 500 रुपये है। चार पहिया वाहनों के लिए गोवा में टोल 203 रुपये और महाराष्ट्र में 745 रुपये है। इसमें आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और पंजाब भी महाराष्ट्र से कम दरें वसूलते हैं। तो फिर महाराष्ट्र में ही दोगुनी और तिगुनी दरें वसूलने का क्या कारण है? इस नंबर प्लेट के लिए 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा, लेकिन आरटीओ द्वारा यह तथ्य छिपाया गया है।

    इस मामले में जांच और कार्रवाई की मांग
    नंबर प्लेट का ठेका भी मंत्रिमंडल गठन की जल्दबाजी के दौरान ही दिया गया था। मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने मिलीभगत कर इसे मंजूरी दे दी। इसके लिए ठेकेदार को दिए गए आशय पत्र एवं कार्य आदेश की घोषणा की जानी चाहिए। इस नंबर प्लेट के लिए वाहन मालिकों को दी गई समय सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। अन्य कठिन शर्तें हटाई जानी चाहिए तथा इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि ये नंबर प्लेटें आसानी से कैसे उपलब्ध होंगी। 31 मार्च के बाद वाहन पर यह नंबर प्लेट नहीं लगी तो 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की यह राशि भी अधिक है। कोई भी नया परिवर्तन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि जनता को अनावश्यक असुविधा न हो, लेकिन इस मामले में ऐसा प्रतीत नहीं होता। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने पत्र में मांग की है कि इन सभी मामलों की जांच की जाए और संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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