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    April 18, 2025

    ‘हवस का पुजारी ही क्यों? हवस का पादरी भी तो…’, मनोज मुंतशिर बोले- बॉलीवुड ने सनातन के तहत की है साजिश।

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    गीतकार और राइटर मनोज मुंतशिर ने ‘जी न्यूज’ के सबसे बड़े सम्मेलन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ में खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने देश-विदेश से लेकर फिल्म इंडस्ट्री के विषयों पर रिएक्ट किया.

    गीतकार और स्क्रिप्ट राइटर मनोज शुक्ला, जिन्हें तमाम दर्शक मनोज मुंतशिर के नाम से जानते हैं. अमेठी से आने वाले मनोज मुंतशिर आज मायानगरी का बड़ा नाम बन चुके हैं. जिन्होंने ‘गलियां’, ‘तेरे संग यारा’, ‘कौन तुझे’, ‘तेरी मिट्टी’ जैसे खूबसूरत गाने लिखे तो कई बड़ी फिल्मों की स्क्रिप्ट भी. अब वह ‘जी न्यूज’ के सबसे बड़े सम्मेलन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का हिस्सा बने. जिन्होंने देश-विदेश से लेकर फिल्म इंडस्ट्री के विषयों पर खास बातचीत की. यहां उन्होंने हिंदुत्व, राजनीति, जातिगत जनगणना से लेकर अपने अमेठी वाले दिनों को याद किया.

    नए भारत में क्या सचमुछ सब बदल गया है? जैसे सवाल पर मनोज मुंतशिर ने कहा, ‘अगर मैं ये कहूं कि सबकुछ बदल गया है तो झूठ होगा…ये भी झूठ है कि कुछ नहीं बदला, ये भी झूठ है कि हम पिछले कुछ सालों में पीछ हुए हैं. ये तो उन लोगों की सोच है, कमियां हैं. कुल मिलाकरथोड़ा है थोड़े की जरूरत है.’

    मनोज शुक्ला से मनोज मुंतशिर बनने तक का सफर
    अमेठी से निकल आने वाले मनोज मुंतशिर ने इंडस्ट्री की जर्नी को लेकर भी रिएक्ट किया. उन्होंने कहा कि ‘मैं आज भी मनोज शुक्ला से मनोज मुंतशिर बन नहीं पाया हूं. मेरी परतें हटाएंगे तो आज भी आपको अमेठी वाला ही लड़का दिखेगा. आज भी वही लड़का हूं, जो कभी प्रताप नगर रेलवे स्टेशन पर तौलिया बिछाकर लेटा हुआ था. वही लड़का हूं, जो कभी रिक्शेवाले से मोलभाव कर रहा था. एक लड़का जो चाय को अमृत बताता है. इसे बताने के लिए तर्क देता है. मैं आज भी वैसा हूं जैसा था. मुझे गर्व है जो कर रहा हूं.’

    बातों पर विवाद होने पर क्या बोले मनोज मुंतशिर
    अपनी बातों को लेकर कई बार विवाद में घिरने पर मनोज मुंतशिर ने कहा, ‘मेरे शब्द से कुछ लोगों को राहत मिलती है तो कुछ लोगों के लिए समस्या खड़ी होती है. इसके लिए मेरी बातें नहीं बल्कि सत्य जिम्मेदार है. कुछ लोग को सत्य पसंद नहीं है.’

    मैं किसी पार्टी के खिलाफ नहीं हूं: मनोज मुंतशिर
    उत्तर प्रदेश की राजनीति के बारे में मनोज मुंतशिर का कहना है कि अगर आप वोट देते हैं, आप अपना नेता चुनते हैं तो आप ये नहीं कह सकते कि आप न्यूट्रल हैं. हम अपनी पसंद की सरकार चुनते हैं. मेरा हमेशा से ही एक विचारधारा के साथ झुकाव था. मैं कभी किसी पार्टी के खिलाफ नहीं था, मैं हमेशा सत्य सनातन के साथ हूं.

    क्या राजनीति जॉइन करने वाले हैं मनोज मुंतशिर?
    चुनाव लड़ने और राजनीति जॉइन करने के लिए उन्होंने बताया, ‘अगर मैं पूरा सच बोल दूंगा तो काफी समस्या खड़ी हो जाएगी. अभी मेरे मन में सियासत नहीं है. लेकिन कभी जिंदगी में ये मोड़ आया कि मेरे अपने लोगों की मदद का जरिया सिर्फ राजनीति बचा है तो मैं आ सकता हूं. मैं आज ठीक-ठाक जगह पर हूं. तो मैं कभी राजनीति में शोहरत और पैसे के लिए नहीं आऊंगा. मैं यहां आऊंगा तो कुछ बदलने के लिए. मेरे आने से कुछ परिवर्तन आ सकता है. बस जब समय आएगा तो ये देखेंगे.’

    हिंदु्त्व को लेकर क्या बोले मनोज मुंतशिर
    ‘हम वो हिंदू हैं जो किसी को पराया नहीं मानते. हम सबके कल्याण की बात करते हैं. मेरे लिए हिंदू का मतलब यही होता है. हिंदुत्व की विशाल अवधारणा है और मैं इसका सेवक हूं. मैं फिल्मों में काम करता हूं. मेरा मकसद है कि मैं ऐसे स्टीरियोटाइप को तोड़ूं. इंडस्ट्री में बहुत सारी चीजें गलत दिखाई गई हूं. जैसे फिल्मों के नाम, ‘गुनाहों का देवता’, ‘हवस का पुजारी’ और भी कई. मैं ऐसे नेरेटिव को तोड़ना चाहता हूं. जो खलनायक को कुकर्म करने से पहले देवी की पूजा करता दिखाते है. भाई गलत काम के पीछे हमेशा सनातन को क्यों दिखाना. हवस का पुजारी ही क्यों…हवस का पादरी भी तो रख सकते थे. ऐसा सिनेमा मुझे मंजूर नहीं है. मेरे हाथ में जबतक कलम है मैं आवाज उठाता रहूंगा.’

    हमारी शराफत को कमजोर नहीं समझना
    पत्थर फेंकने की घटनाओं पर रिएक्ट करते हुए मनोज मुंतशिर ने कहा, ‘किसी भी धर्म पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए.. धर्म लड़ने के लिए नहीं, अपनी पूजा पद्धति से जीने के लिए हैं. हर धर्म का सम्मान करता हूं. यही तो मुझे हमारा हिंदुत्व सिखाता है. बस मेरे मंदिर पर पत्थर मत फेंको. हमारी शराफत को कमजोरी नहीं समझना.’

    जातिगत जनगणना पर भी दी प्रतिक्रिया
    जातिगत जनगणना को लेकर मनोज मुंतशिर का कहना है, ‘अब तो सच यही है कि ब्रह्माण की ओर देखते हैं तो आपको वो कहीं वॉचमैन, ईंट-पत्थ ढोते और ज्यादा तरीकी कर ले तो वह 5-6 हजार की नौकरी कर रहा है. मैं नहीं जानता ब्रह्माण ने कितना बुरा किया है लेकिन आज उनके साथ बुरा हो रहा है. मैं जिस इंडस्ट्री से हूं, मुझे कभी-कभी शर्मिंदगी महसूस करता हूं जिन्होंने सनातन को साजिश के तहत दिखाया. अब सूचना क्रांति का दौर है लोगों के पास पावर है कि वह सच जानें.’

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