बंगाल विधानसभा के सेशन को क्यों संबोधित करना चाहते हैं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़?
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उपराष्ट्रपति धनखड़ पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करना चाहते हैं. इस आयोजन को लेकर पत्र व्यवहार हो चुका है. अब फैसला विधानसभा स्पीकर बिमान बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेना है.
राजनीति अनंत संभावनाओं का खेल है. यहां कुछ भी हो सकता है. दरअसल सियासत में किसी की किसी से स्थायी दोस्ती/दुश्मनी नहीं होती है. पश्चिम बंगाल में भी कुछ ऐसा दिख रहा है. क्योंकि दो साल से राज्यपाल सीवी आनंद बोस और सीएम ममता बनर्जी के बीच तलवारें खिंची हैं और अचानक ममता बनर्जी और राज्यपाल बोस के साथ मुस्कुराते हुए हंसी-मजाक की तस्वीर दिखीं तो लोग हैरान रह गए. कुछ ऐसा ही नजारा जल्द दिख सकता है जिसमें बोस की जगह सीएम ममता बनर्जी के साथ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नजर आ सकते हैं.
विशेष सत्र में क्या होगा?
उपराष्ट्रपति धनखड़ पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करना चाहते हैं. इस संदर्भ में पत्र व्यवहार हो चुका है, फैसला विधानसभा स्पीकर बिमान बोस को लेना है. जाहिर है कि इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रुख भी ध्यान में रखा जाएगा. बात अगर बन गई तो बोस के पूर्ववर्ती और वर्तमान में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी अच्छे और हंसी खुशी के माहौल के बीच ममता बनर्जी के साथ नजर आ सकते हैं. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी सरकार विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने जा रही है, अगर सब कुछ सही रहा तो उस विशेष सत्र को उपराष्ट्रपति धनखड़ संबोधित कर सकते हैं.
क्या है मामला
गौरतलब है जगदीप धनखड़ जब बंगाल के राज्यपाल थे तब भी ममता बनर्जी और उनके बीच 36 का आंकड़ा था. ऐसे में अगर बंगाल सरकार के आयोजन में धनखड़ नजर आएं और ममता बनर्जी प्रोटोकाल के हिसाब से उनका स्वागत करें तो बहुत से लोगों के लिए ये अचंभित करने जैसा ही रहेगा. क्योंकि राज्यसभा के सभापति के रूप में धनखड़ के विपक्ष के साथ तल्ख रिश्ते बने हुए हैं. वहीं पश्चिम बंगाल के लिए यह अप्रत्याशित स्थिति ऐसे समय में आई है जब बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा का चुनाव जीता है. इस बीच सूत्रों ने कहा कि धनखड़ कह चुके हैं कि वह अपने संबोधन में टीएमसी सरकार की लाइन के खिलाफ नहीं जाएंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक ममता सरकार ने अब तक धनखड़ के अनुरोध पर आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. इस बीच संसदीय कार्य मंत्री शोवनदेव चट्टोपाध्याय ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया है. टीएमसी नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मामले पर सावधानी से आगे बढ़ेंगी.
विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा, ‘इससे पहले किसी उपराष्ट्रपति ने विधानसभा को संबोधित नहीं किया है. हालांकि, बंगाल विधानसभा के प्लैटिनम जुबली समारोह के दौरान, हमने तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को आमंत्रित किया था तब उन्होंने विधान सभा के विशेष सत्र को संबोधित किया था. हम ऐसे विकल्प पर विचार कर रहे हैं.’
क्या बोले बीजेपी के अधिकारी?
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, ‘धनखड़ के अनुरोध का स्वागत न करने का कोई कारण नहीं है, ऐसा होता है तो विधानसभा का मान बढ़ेगा’. बीजेपी नेता विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘मीडिया से पता चला कि उपराष्ट्रपति विधानसभा को संबोधित करना चाहते हैं. वह महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं. इसलिए हमें यह उम्मीद है वो अपनी ही बात कहेंगे और किसी अन्य का लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ेंगे.’
सुवेंदु अधिकारी ने दिल्ली में धनखड़ के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा, ‘उपराष्ट्रपति से उनके कार्यालय में मिलना सम्मान की बात है’.
वाम दलों ने ने कसा तंज
इस घटनाक्रम को लेकर सीपीआई (एम) ने तंज कसते हुए कहा धनखड़ का अनुरोध बीजेपी और टीएमसी के रिश्तों का जीता जागता सबूत है. सुजन चक्रवर्ती ने कहा, ‘जब धनखड़ राज्यपाल थे तो ममता बनर्जी और उनके बीच शीत युद्ध चलता था. जब वो उपराष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी उम्मीदवार बने तो टीएमसी ने अप्रतक्ष्य रूप से समर्थन दिया था क्योंकि पहले से तय था कि बीजेपी कैंडिडेट जीतेंगे, इसलिए अब धनखड़ टीएमसी और ममता बनर्जी को धन्यवाद देने के लिए आ रहे हैं.
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