हरियाणा में तो लड़े नहीं, महाराष्ट्र में क्यों लड़ना चाहती है सपा?
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अखिलेश यादव ने लगता है कि हरियाणा के संदेश को समझ लिया है कि इंडिया गठबंधन के वोटों का विभाजन किसी भी तरह नहीं होना चाहिए.
हरियाणा में अच्छी-खासी अहीरवाल (यादव) बेल्ट होने के बावजूद कांग्रेस ने सपा को एक भी सीट नहीं दी. सपा ने भी तेवर नहीं दिखाए. जाट वोटबैंक पर ही भरोसा करके रह गई. नतीजा सबके सामने है. लगभग बराबर वोट प्रतिशत हासिल करने के बावजूद आज कांग्रेस सत्ता में नहीं पहुंच पाई और बीजेपी ने लगातार तीसरी बार परचम लहरा दिया. हरियाणा का सबक सपा और कांग्रेस दोनों के लिए है. जबकि दोनों ही दलों के पास उससे पहले मध्य प्रदेश का उदाहरण था. लेकिन कांग्रेस ने उस मैसेज को नहीं समझा और सपा भी शांत रह गई.
अखिलेश यादव ने लगता है कि हरियाणा के संदेश को समझ लिया है कि इंडिया गठबंधन के वोटों का विभाजन किसी भी तरह नहीं होना चाहिए. इसलिए यूपी में जहां कांग्रेस पर दबाव बनाते हुए 9 सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों में अपनी तरफ से पहले ही छह सीटों पर ऐलान कर कांग्रेस पर दबाव बना दिया वहीं साथ ही अखिलेश यादव ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ने वाले हैं. नतीजतन खैर और गाजियाबाद की दो सीट पर अब कांग्रेस लड़ रही है और बाकी सात पर सपा.
यूपी को सुलझाने के बाद अब अखिलेश यादव शुक्रवार को महाराष्ट्र पहुंच रहे हैं. मकसद नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी को चुनावी मैदान में उतारना है. उन्होंने वहां जाने से पहले कहा भी कि हम लोग चाहते हैं कि महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन जीते. महाराष्ट्र में विपक्षी महाविकास अघाड़ी यानी एमवीए (शरद पवार-उद्धव ठाकरे-कांग्रेस) इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. सपा एमवीए के साथ मिलड़कर लड़ना चाहती है. अब सवाल उठता है कि सपा आखिर ऐसा क्यों चाहती है?
सपा की आकांक्षा
2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सपा ने सात सीट पर प्रत्याशी उतारे थे और उनमें से दो ने जीत हासिल की थी हालांकि बाकी सीट पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. सपा इंडिया गठबंधन के साथ डील करके वहां कुछ सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है. इससे भी सपा की आकांक्षा राष्ट्रीय पार्टी बनने की चाहत है. अबकी बार लोकसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के बाद वह तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. उसके बाद से ही अन्य राज्यों में वह चुनाव लड़कर और अपेक्षित वोट प्रतिशत हासिल करके राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए बेताब है.
अखिलेश का दौरा
इस पृष्ठभूमि में अखिलेश का महाराष्ट्र दौरा ऐसे वक्त पर हो रहा है जब राज्य की 288 सीटों में से 260 सीटों पर एमवीए में सहमति बन गई है. सपा ने 12 सीटों की लिस्ट एमवीए को सौंपी है. पिछली बार इनमें से मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से इसके प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी जीते थे और भिवंडी ईस्ट से रईस शेख जीते थे.
इस बारे में सपा नेता अबू आजमी ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि हमारी एमवीए से बात चल रही है लेकिन अभी छोटी पार्टियों से मीटिंग नहीं हुई है…हमने 12 सीटों की मांग की है. कांग्रेस भिवंडी सीट नहीं जीत सकती लेकिन हम जीत सकते हैं.
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