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    June 9, 2025

    चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग क्‍यों जाना चाहते थे गुजरात? पीएम मोदी ने सुनाया अनोखा किस्‍सा.

    1 min read
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    जब पीएम मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने तो उनके पास दुनियाभर से बधाई संदेश आए. उनके पास चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग का भी फोन आया.

    जब पीएम मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने तो उनके पास दुनियाभर से बधाई संदेश आए. उनके पास चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग का भी फोन आया. चीनी राष्‍ट्रपति ने बधाई देते हुए भारत आने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की. पीएम मोदी ने कहा कि आप जरूर आएं आपका स्‍वागत है. इस पर शी जिनपिंग ने कहा कि मुझे गुजरात और आपके गांव वडनगर को देखने की इच्‍छा है. क्‍या आप जानते हैं कि मैं ऐसा क्‍यों करना चाहता हूं? इस पर आश्‍चर्य व्‍यक्‍त करते हुए पीएम मोदी ने जब उनसे वजह पूछी तो जिनपिंग ने कहा कि दरअसल हमारा आपसे स्‍पेशल बॉन्‍ड है. उन्‍होंने कहा कि चीन के महान दार्शनिक ह्येन सांग ने भारत में सबसे ज्‍यादा समय आपके गांव वडनगर में बिताया. उसके बाद जब वो चीन लौटे तो सबसे ज्‍यादा वक्‍त उन्‍होंने मेरे गांव में गुजारा. इस वजह से वो गुजरात जाना चाहते हैं.

    दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार पॉडकास्ट के जरिए इस तरह के तमाम किस्‍से शेयर किए हैं. उन्होंने ‘जेरोधा’ के को-फाउंडर निखिल कामथ के साथ उनके यूट्यूब चैनल People by WTF पर बात की. दो घंटे से भी लंबे चले इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपनी जिंदगी के अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा की.

    बचपन की बातें
    प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बचपन के कई किस्से साझा किए. उन्होंने बताया, ‘मैं अपने परिवार के सभी सदस्यों के कपड़े धोता था. इसी वजह से मुझे अपने दोस्‍तों के साथ तालाब जाने की अनुमति मिलती थी.’ उन्होंने अपने मुख्यमंत्री बनने के बाद पुराने दोस्तों और शिक्षकों को बुलाने का एक वाकया भी सुनाया. मोदी ने कहा, ‘जब मैं मुख्यमंत्री बना, मैंने अपने उन सभी पुराने दोस्तों को सीएम हाउस बुलाया. मैंने सभी को बुलाया, लेकिन उस दिन मुझे खुशी नहीं हुई, क्योंकि मैं उनमें अपने दोस्त ढूंढ रहा था, जबकि वे मुझे सीएम के रूप में देख रहे थे.’

    गोधरा कांड
    प्रधानमंत्री मोदी ने 24 फरवरी 2002 का दिन याद किया, जब वे पहली बार विधायक बने थे. मात्र तीन दिन बाद गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना हुई. उन्होंने बताया, ‘मैंने ग्राउंड जीरो पर जाने का फैसला किया, लेकिन अधिकारियों ने हेलीकॉप्टर की अनुपलब्धता का हवाला दिया. जब हेलीकॉप्टर मिला तो उन्होंने कहा कि यह वीआईपी के लिए नहीं है. मैंने कहा, मैं वीआईपी नहीं हूं, मैं एक आम आदमी हूं.’ उन्होंने ओएनजीसी का सिंगल-इंजन हेलीकॉप्टर लिया और गोधरा पहुंचे. वहां की दर्दनाक स्थिति को देखने के बाद उनका दिल भर आया लेकिन सीएम होने के नाते उन्‍होंने किसी तरह अपनी भावनाओं को काबू में रखा.

    आज नेता की परिभाषा में महात्‍मा गांधी कहां फिट होते हैं?
    अच्छे लोगों के राजनीति में आने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें एक मिशन के साथ राजनीति में आना चाहिए न कि किसी महत्वाकांक्षा के साथ. उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति में अच्छे लोग आते रहने चाहिए. वे मिशन लेकर आएं, एंबीशन लेकर नहीं. मिशन लेकर निकले हैं तो कहीं ना कहीं स्थान मिलता जाएगा. एंबीशन से ऊपर होना चाहिए मिशन. फिर आपके अंदर क्षमता होगी.’’

    आज के युग में नेता की जो परिभाषा आप देखते हैं, उसमें महात्मा गांधी कहां फिट होते हैं? पीएम मोदी ने कहा, ‘‘व्यक्तित्व के लिहाज से शरीर दुबला पतला…ओरेटरी (भाषण कला) न के बराबर थी. उस हिसाब से देखें तो वह लीडर बन ही नहीं सकते थे. तो क्या कारण थे कि वह महात्मा बने. उनके भीतर जीवटता थी जिसने उस व्यक्ति के पीछे पूरे देश को खड़ा कर दिया था.’’

    प्रधानमंत्री ने कहा कि जरूरी नहीं है कि नेता लच्छेदार भाषण देने वाला ही होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह कुछ दिन चल जाता है. तालियां बज जाती हैं. लेकिन अंतत: जीवटता काम करती है. दूसरा मेरा मत है कि भाषण कला से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है संवाद कला. आप संवाद कैसे करते हैं?’’

    उन्होंने कहा, ‘‘अब देखिए, महात्मा गांधी हाथ में अपने से भी ऊंचा डंडा रखते थे, लेकिन अहिंसा की वकालत करते थे. बहुत बड़ा अंतर्विरोध था फिर भी संवाद करते थे. महात्मा गांधी ने कभी टोपी नहीं पहनी लेकिन दुनिया गांधी टोपी पहनती थी. यह संवाद की ताकत थी. महात्मा गांधी का क्षेत्र राजनीति था लेकिन राज व्यवस्था नहीं थी. वह चुनाव नहीं लड़े, वह सत्ता में नहीं बैठे. लेकिन मृत्यु के बाद जो जगह बनी (समाधि), वह राजघाट बना.’’

    कौन हैं निखिल कामथ
    दरअसल, पीएम मोदी का इंटरव्यू लेने वाले शख्स निखिल कामथ हैं. वह ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Zerodha के सह-संस्थापक और इन्वेस्टर हैं. निखिल आमतौर पर लाइमलाइट से दूर रहते हैं. कर्नाटक में जन्मे 38 साल के निखिल एसेट मैनेजमेंट कंपनी ट्रू बीकन के को-फाउंडर हैं. वह 2024 फोर्ब्स की दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल थे. वह अपने भाई नितिन के साथ फोर्ब्स की 2024 के लिए भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में भी जगह बना चुके हैं. निखिल कामथ की नेटवर्थ 3.1 अरब डॉलर बताई जाती है.

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