लड़कियां पढ़ाई में लड़कों से आगे क्यों, रिसर्च क्या कहती है?
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हाल ही में जारी एक सर्वे में शामिल 91 प्रतिशत छात्राओं का मानना है कि उन्हें पढ़ाई में आत्मविश्वास होता है, जो यह दर्शाता है कि लड़कियां अपने ज्ञान और क्षमताओं पर भरोसा करती हैं.
आजकल लड़कियां शिक्षा के क्षेत्र में काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं. स्कूल से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालय तक, देखा जा रहा हैं कि लड़कियां अपने पुरुष साथियों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं. इसी वजह को जानने के लिए प्रोफेसर योगेश जोगसन और अध्यापक धारा आर. दोशी के मार्गदर्शन में पीएचडी की छात्रा वरू जिज्ञासा ने हाल ही में एक सर्वे किया.
जिज्ञासा ने इस सर्वे में 2,340 छात्रों से बातचीत की है जिससे रोचक निष्कर्ष निकाल कर सामने आया है कि आखिर महिला छात्राएं लड़कों की तुलना में ज्यादा सफल क्यों हो रही हैं. इस रिपोर्ट में हम इसी सर्वे के बारे में विस्तार से जानेंगे
आत्मविश्वास और समर्पण
इस सर्वे में शामिल 91 प्रतिशत छात्राओं का मानना है कि उन्हें पढ़ाई में आत्मविश्वास होता है, जो यह दर्शाता है कि लड़कियां अपने ज्ञान और क्षमताओं पर भरोसा करती हैं. जब किसी को अपने काम में विश्वास होता है, तो वह बेहतर तरीके से कार्य करता है और चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है. आत्मविश्वास से लड़कियां कठिन समय में भी घबराती नहीं हैं, बल्कि इसे अवसर के रूप में देखती हैं और मेहनत करती हैं. वहीं 81% छात्राओं ने पढ़ाई के प्रति ज्यादा समर्पण की बात स्वीकार की है, जिसका मतलब है कि वे अपने लक्ष्यों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहती हैं.
खुद को साबित करने का मिलता है मौका
इस सर्वे में शामिल 95.50% छात्राओं का यह मानना है कि उन्हें शिक्षा के माध्यम से खुद को साबित करने की प्रेरणा मिलती है. इसका मतलब यह है कि जब समाज उन्हें कमतर मानता है, तो ये छात्राएं अपनी शिक्षा के जरिए यह दिखाना चाहती हैं कि वे किसी से कम नहीं हैं. इस भावना से वे और भी मेहनत करती हैं, क्योंकि वे जानती हैं कि अपनी मेहनत और सफलता से वे अपने अधिकार और महत्व को साबित कर सकती हैं. इस तरह की मानसिकता उन्हें लगातार अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वे और अधिक मेहनत करती हैं और सफलता प्राप्त करती हैं.
महिला छात्राएं होती है ज्यादा गंभीर
88% छात्राओं का कहना है कि महिला छात्राएं सफलता पाने के लिए ज्यादा गंभीर और दृढ़ होती हैं. लड़कियां अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी तरह से समर्पित और संजीदा रहती हैं. वे कठिनाइयों के बावजूद हार नहीं मानतीं और लगातार अपनी मेहनत से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रहती हैं. यह गंभीरता और दृढ़ता उन्हें किसी भी मुश्किल का सामना करने और सफलता हासिल करने में मदद करती है.
इसके अलावा 92% छात्राओं का कहना है कि लड़कियां मानसिक रूप से ज्यादा स्थिर होती हैं, जिससे उनकी एकाग्रता और आत्म-नियंत्रण की क्षमता मजबूत होती है. इसका मतलब है कि वे आसानी से किसी भी काम या पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं और अपनी सोच पर काबू पाकर सही निर्णय लेती हैं.
88% छात्राओं ने बताया कि महिलाएं अपने परिवार, दोस्तों और काम में ज्यादा जिम्मेदारियां निभाती हैं. यह उन्हें कई तरह के कामों में ध्यान देने और चीजों को याद रखने में मदद करता है, क्योंकि वे अलग-अलग जिम्मेदारियों को संभालने में माहिर होती हैं. 55% छात्राओं का कहना है कि सामाजिक दबाव और जिम्मेदारियों का असर महिला की याददाश्त पर पड़ सकता है. जब महिलाएं अपनी जिम्मेदारियों को निभाती हैं, तो उन्हें हर छोटी-छोटी बातों को याद रखने की आदत हो जाती है, जिससे उनकी याददाश्त बेहतर हो जाती है.
महिलाओं के शिक्षा के प्रति बढ़ता ध्यान
पिछले की कुछ दशकों महिलाओं की शिक्षा को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ी है. सरकारें, एनजीओ और समाजिक संगठन लड़कियों की शिक्षा के महत्व को बढ़ावा दे रहे हैं. कई योजनाएं और छात्रवृत्तियां विशेष रूप से लड़कियों के लिए तैयार की जा रही हैं ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें. इस तरह की योजनाओं का सकारात्मक असर लड़कियों की पढ़ाई पर दिखता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, महिला शिक्षा में सुधार के कारण लड़कियों की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा हो गई है जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं. यह बदलाव लड़कियों के पढ़ाई में टॉप करने की संभावना को और भी बढ़ाता है.
पढ़ाई के प्रति दृढ़ निश्चय
लड़कियां आमतौर पर अपने लक्ष्य के प्रति ज्यादा संजीदा होती हैं. जब वे किसी लक्ष्य को तय करती हैं, तो वे उस पर पूरी तरह से केंद्रित रहती हैं और उसे पाने के लिए निरंतर मेहनत करती हैं. यह दृढ़ निश्चय और समर्पण उन्हें पढ़ाई में अच्छा करने के लिए प्रेरित करता है.
एक शोध के अनुसार, लड़कियां आमतौर पर अपने सपनों और लक्ष्यों के प्रति अधिक प्रेरित और प्रतिबद्ध होती हैं, क्योंकि उन्हें समाज में अपनी पहचान बनाने की अधिक आवश्यकता महसूस होती है.
समाज में बढ़ती समानता और अवसर
समाज में महिलाओं के लिए समान अवसर बढ़ने के साथ-साथ उनकी शिक्षा में भी सुधार हुआ है. आजकल लड़कियों को समाज में समान रूप से शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिल रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियां अब पुरानी सोच और परंपराओं से बाहर निकलकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रही हैं.
पहले जहां लड़कियों को घर के कामों में व्यस्त रखा जाता था, वहीं अब वे पढ़ाई में खुद को साबित कर रही हैं. यह बदलाव लड़कियों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है, जिससे वे अपनी शिक्षा में टॉप करने के लिए प्रेरित होती हैं.
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