कौन हैं मेधा कुलकर्णी जिन्हें बीजेपी ने राज्यसभा के लिए नामित किया है? उनके राजनीतिक पुनर्वास की चर्चा क्यों हो रही है?
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जानिए क्या मेधा कुलकर्णी के राजनीतिक पुनर्वास की बात के पीछे है कोई खास वजह?
कांग्रेस के बाद बीजेपी ने भी आज राज्यसभा उम्मीदवारों की लिस्ट का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने अशोक चव्हाण, अजित गोपछड़े और मेधा कुलकर्णी को उम्मीदवार बनाया है. अशोक चव्हाण मंगलवार को बीजेपी में शामिल हुए और उनके प्रवेश के 48 घंटे के भीतर ही उन्हें राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया है. चर्चा थी कि विनोद तावड़े, पंकजा मुंडे, नारायण राणे को राज्यसभा भेजा जाएगा. लेकिन बीजेपी ने जो लिस्ट तय की है उसमें अजित गोपछड़े, अशोक चव्हाण और मेधा कुलकर्णी ने अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है.
मेधा कुलकर्णी के नाम की चर्चा
बीजेपी राज्यसभा के लिए किसे नामित करेगी? तरह-तरह की चर्चाएं चल ही रही थीं कि मेधा कुलकर्णी का नाम सामने आया. मेधा कुलकर्णी कोथरुड से बीजेपी की पूर्व विधायक हैं. मेधा कुलकर्णी ने तत्काल पुणे नगर निगम से बकाया राशि के संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा था। तो क्या उन्हें राज्यसभा नामांकन मिलेगा? ये चर्चाएं शुरू हो गई थीं. अब बीजेपी की लिस्ट जारी होने के बाद मेधा कुलकर्णी की उम्मीदवारी पर मुहर लग गई है.
कौन हैं मेधा कुलकर्णी?
मेधा कुलकर्णी कोथरुड निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व भाजपा विधायक हैं। 2014 के चुनाव में मेधा कुलकर्णी ने शिवसेना के चंद्रकांत मोकाटे को 64 हजार वोटों से हराया था.
2019 में मेधा कुलकर्णी का टिकट काटकर चंद्रकांत पाटिल को दे दिया गया.
पहले चर्चा थी कि उन्हें विधान सभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया जायेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
जब मेधा कुलकर्णी को बाहर किया गया तो उन्होंने सोशल मीडिया पर ‘बेइज्जत जीना’ नाम से एक पोस्ट लिखा था और अपनी नाराजगी जाहिर की थी.
क्या कोथरुड के वर्तमान नेता मेरे जैसे लोगों का सफाया करने की कोशिश कर रहे हैं? उन्होंने ये सवाल पूछा.
उनका पोस्ट विधायक और मंत्री चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ था. इसलिए चर्चा होने लगी कि वे अब कुछ अलग सोचेंगे.
हालांकि मेधा कुलकर्णी ने कोई अलग रुख नहीं अपनाया. मेधा कुलकर्णी को देवेन्द्र फड़णवीस, नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी माना जाता है।
मेधा कुलकर्णी का राजनीतिक पुनर्वास
चूंकि मेधा कुलकर्णी ने सीधे तौर पर चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ यह रुख अपनाया है, अब यह देखना जरूरी है कि आखिर उनका राजनीतिक पुनर्वास कैसे होगा. पिछले पांच सालों से अक्सर विभिन्न पदों के लिए उनके नाम की चर्चा होती रही है. लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया. अब जब 2019 का लोकसभा चुनाव नजदीक है और 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव होंगे तो बीजेपी ने उनके नाम का ऐलान कर दिया है. मेधा कुलकर्णी के लिए यह राजनीतिक पुनर्वास है. क्योंकि विकास कार्यों में अच्छी भागीदारी और कोथरुड क्षेत्र में पार्टी को बढ़ाने के बावजूद उन्हें 2019 में टिकट नहीं दिया गया था। लेकिन आज राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करते हुए मेधा कुलकर्णी को उम्मीदवार बनाया गया है. इसलिए इसमें कोई शक नहीं कि बीजेपी ने उन्हें राजनीतिक तौर पर पुनर्वासित करने का मौका नहीं छोड़ा है.
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