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    April 20, 2025

    किसे मिला है IAS Officer को उसके पद से हटाने का अधिकार, इसमें UPSC का क्या होता है रोल?

    1 min read
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    आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, आईएफएस जैसे प्रतिष्ठित पदों पर यूपीएससी के जरिए कैंडिडेट्स का सिलेक्शन किया जाता है. ऐसे में क्या उन्हें पद से हटाने का राइट भी यूपीएससी को दिया गया है, जानिए क्या है व्यवस्था…

    आईएएस बनने के लिए तो युवाओं को बहुत मेहनत करनी पड़ती है. इन पदों पर योग्य उम्मीदवारों को चुनने की पूरी जिम्मेदारी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन पर होती. कई फेज क्लियर करने के बाद यूपीएससी युवाओं का चयन करता है. युवाओं के चयन के लिए यूपीएससी की बहुत ही टफ प्रक्रिया है, जिसमें झोलझाल करके सिलेक्शन पाने वाली ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. लोगों द्वारा पूजा को पद से हटाने के कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसे में सवाल यह है कि किसी को आईएएस ऑफिसर अपॉइंट करने का दारोमदार यूपीएससी पर होता है, तो क्या किसी को आईएएस की पोस्ट से हटाने की पूरी पॉवर भी यूपीएससी को मिली है, किसके पास होता है अधिकार? आइए जानते हैं यहां…

    यूपीएससी के पास नहीं ये अधिकार
    यूपीएससी सिविल सेवा में चयनित होने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. अक्सर युवाओं की जिंदगी के अहम साल यूपीएससी की तैयारी में निकल जाते है. लाखों लोगों में से हर साल केवल कुछ ही लोगों का आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, आईएफएस जैसे प्रतिष्ठित पदों पर सिलेक्शन हो पाता है. एक बार सर्विस जॉइन कर लेने वाले अधिकारियों को पद से हटाना आसान काम नहीं होता, क्योंकि किसी कैंडिडेट को आईएएस पद पर नियुक्त करना यूपीएससी के हाथ में है, लेकिन इस पद से हटाने या सस्पेंड करने की पावर आयोग के पास नहीं है. आपको जानकर हैरानी होगी कि किसी आईएएस ऑफिसर को उस स्टेट की सरकार भी सस्पेंड नहीं कर सकती.

    कब कर सकते हैं सस्पेंड?
    एक आईएएस ऑफिसर को केवल कुछ विशेष स्थितियों जैसे किसी तरह का क्राइम करने या भारतीय संविधान के तहत आने वाले किसी नियम को ना मानने पर ही सस्पेंड किया जा सकता है. आईएएस ऑफिसर को सस्पेंड करने का राइट सिर्फ राष्ट्रपति के पास है. राष्ट्रपति के आदेश पर ही किसी आईएएस ऑफिसर को पद से हटाया जा सकता है. आईएएस पद से किसी ऑफिसर को कैसे हटा सकते हैं, इसके बारे में आर्टिकल 311 (2) में दिया गया है.

    इसके मुताबिक अगर कोई आईएएस किसी अपराध में दोषी पाया जाता है तो उसकी रैंक कम की जा सकती है. अगर मामला गंभीर हो तो ऑफिसर को पद से हटाया भी जा सकता है. इस आर्टिकल में उल्लेखित नियमों के अनुसार आयोग में एक सिविल सर्वेंट राष्ट्रपति की इच्छा से काम करता है और केवल उनके आदेश पर ही उसे पद से हटाया जा सकता है. यूपीएससी का इसमें कोई रोल नहीं होता है.

    सस्पेंड कौन कर सकता है
    IAS को पद से निलंबित करने का अधिकार स्टेट गवर्नमेंट के पास भी होता है, जिसे खास स्थितियों में ही इस्तेमाल किया जा सकता है. एक आईएएस को सस्पेंड करने की जानकारी कैडर कंट्रोल अथॉरिटी को देनी होती है और 30 दिनों से ज्यादा का निलंबन जारी रखने के लिए भारत सरकार की मंजूरी जरूरी है.

    पूजा खेडकर विवाद
    वहीं, बात करें फेक डॉक्यूमेंट्स लगाने और दिव्यांग कोटे का गलत इस्तेमाल करके आईएएस बनने के मामले में फंसी पूजा खेडकर की, तो उनके खिलाफ यूपीएससी ने एफआईआर दर्ज की है. वहीं, लबासना ने उनका ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया है. इस मामले में अंतिम फैसला राष्ट्रपति का ही होगा.

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